मेजर ने बेपर्दा किया सच

By: May 24th, 2017 12:05 am

गोगोई बोले, पत्थरबाज को जीप से न बांधता तो चली जाती कई जानें

newsnewsनई दिल्ली— भारतीय सेना में मेजर लितुल गोगोई ने मंगलवार को पहली बार कश्मीरी युवक को जीप के बोनट से बांधे जाने की पूरी वजह बताई। मेजर ने उस दिन के पूरे हालात को बयां किया, जिस दिन कश्मीरी युवक फारुक अहमद डार को सेना की जीप के बोनट से बांधकर लाया गया था। मंगलवार को मेजर गोगोई ने बताया कि किस तरह की मुश्किलों का सामना उनकी टीम को करना पड़ा। मेजर ने कहा कि अगर युवक को जीप के बोनट से बांधने का फैसला नहीं लिया जाता तो वहां के लोग और पूरी टीम मुश्किल में पड़ जाती। मेजर ने बताया कि हमारी टीम को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान बडगाम में एक मतदान केंद्र पर वहां तैनात टीम को बाहर सुरक्षित निकालने के लिए भेजा गया था, जब हम वहां पहुंचे तो लोग हम पर पत्थर बरसाने लगे। महिलाएं और बच्चे भी पत्थर बरसा रहे थे। लोग छतों से हम पर पत्थर बरसा रहे थे। मैंने बार-बार वार्निंग दी। हमें निकलने में भी परेशानी हो रही थी। उनमें से एक युवक भीड़ का नेतृत्व कर रहा था, जब हम उसकी तरफ गए तो वह भागने लगा। हमने उसे पकड़ लिया। पता चला कि उसका नाम फारुक अहमद डार है। हम मतदान केंद्र पर पहुंचे तो देखा कि लोग वहां आग लगाने वाले थे। जानकारी मिली थी कि 1200 लोग मतदान केंद्र को घेरे हुए थे, टीम ने इन लोगों को रोका। पोलिंग स्टेशन में हमने नौ जवानों को निकाला। वापसी पर हम पर फिर पत्थर बरसाए गए। हम पर पेट्रोल बम भी फेंके जा रहे थे। तब हमने पत्थरबाज को पकड़कर जीप से बांध दिया, जिससे कई जवानों की जान बच गई। इसकी वजह से हम वहां से निकल सके। अगर ऐसा नहीं करते तो स्थानीय लोगों पर भी खतरा होता। मेरे जूनियरों ने कहा कि अब फायरिंग करनी पड़ेगी तभी हम जिंदा निकल सकेंगे, लेकिन मैंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उधर, जीप के बोनट से बांधे गए फारुख डार ने कहा है कि देश का कौन सा कानून एक शख्स को ह्यूमन शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत देता है? मैं कोई बैल या भैंस था, जो मेरे साथ ऐसा सलूक किया गया?

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