शराब पर पाबंदी
( केसी शर्मा, सूबेदार मेजर(रि), गगल )
शराब पर मुकम्मल पाबंदी के पक्ष में शायद न केंद्र है न राज्य सरकारें, लेकिन देश का महिला वर्ग शराब की बिक्री पर मुकम्मल पाबंदी चाहता है। शराब की दुकानों की संख्या निरंतर बढ़ना एक चिंता का विषय है। सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला सराहनीय है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर कोई भी शराब की दुकान नहीं होगी। सड़क से 200 मीटर दूरी पर शराब की दुकान होनी चाहिए। शहर और गांव में शराब के ठेकों की संख्या कम होनी चाहिए। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का तोड़ ढूंढ लिया और अपने राज्य मार्गों को ही डिनोटिफाई कर दिया। सरकार को राजस्व की चिंता है और महिलाओं को अपने उजड़ते घरों की फिक्र है। महिलाओं का फिक्र जायज है।
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