शहादतों का सिलसिला

By: May 23rd, 2017 12:01 am

( राखी वर्मा, नाहन )

रोज ही अखबार में आ जाता है कि सीमा पर दो आतंकी ढेर और सेना का एक जवान शहीद हो गया। आतंकी को मार गिराने में हम अपनी जीत समझें या अपने जवान को शहीद कर के हम हार गए। शहादतों का यह सिलसिला कब से चल रहा है और पता नहीं कब तक चलता रहेगा। हम इतने कमजोर हैं कि हर बार मात खा जाते हैं। नेता सिर्फ संसद में भाषण ही देते हैं कि जगह और समय हम तय करेंगे, पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए। हंसी आती है कि हिंदोस्तान जगह ही तय करता रह जाता है और दुश्मन हमारा नुकसान कर के चला भी जाता है। समाचार आया कि देश की नौसेना के लिए 24 जंगीबेड़ों की जरूरत है, पर भारत के पास सिर्फ 4 ही जंगीबेड़े हैं। क्या यही है हमारी ताकत, जिस पर हम दुश्मन को सबक सिखाने की डींगें हांकते हैं। सबसे बड़ा है सेना का मनोबल, जो इन नेताओं ने उनके हाथ बांध कर गिरा रखा है। फ्रीहैंड सेना ही कुछ कर सकती है।

 

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App