सबक

By: May 14th, 2017 12:05 am

टन-टन-टन घंटी की आवाज को सुनते सभी बच्चे पाठशाला के प्रांगण में प्रार्थना के लिए इकट्ठे हो गए। राहुल कक्षा में अकेला ही रह गया। उसने एक बस्ते से जल्दी से पेन निकाला और  खिड़की से पिछवाड़े की झाडि़यों में फेंक दिया और चुपचाप प्रार्थना  स्थल पर लड़कों के पीछे जाकर खड़ा हो गया। प्रार्थना खत्म होते ही सभी बच्चे कक्षाओं में जाकर बैठ गए।  पीरियड शुरू हुआ। मास्टर जी ने सभी बच्चों को गणित के सवाल हल करने को दिए। सारांश ने अपना पूरा बस्ता छान मारा, लेकिन उसे अपना नया पेन नहीं मिला। उसकी आंखों में आंसू आ गए। मास्टर जी के पूछने पर वह बोला-सर! मेरा नया पेन नहीं मिल रहा है। घर से आते समय मैंने उसे अपनी कम्पास बॉक्स में रखा था। कल ही तो मेरे मामाजी ने मुझे उपहार में दिया। मास्टर जी ने सभी बच्चों से पूछताछ की सबके बस्तों की तलाशी भी ली, लेकिन सारांश का पेन नहीं मिला। राहुल अपनी जीत पर खुश हो रहा था। छुट्टी होते ही राहुल ने झाडि़यों के पीछे से पेन निकाला और चुपचाप पेंट की  जेब में डालकर घर जा पहुंचा। घर पहुंचते ही उसने बड़ी शान से चमचमाता हुआ पेन निकाला और अपने मम्मी-पापा से बोला- आज में भाषण प्रतियोगिता में प्रथम आया हूं। यह पेन मुझे पुरस्कार में मिला है। मम्मी-पापा ने बेटे की पीठ थपथपा कर उसे शाबाशी देते हुए कहा-बेटा रोज ऐसे ही ईनाम जीतो। राहुल के मम्मी-पापा अपने बेटे की सफलता पर बेहद खुश थे। कभी खेलकूद, कभी निबंध लेखन, कभी चित्रकला में पुरस्कार जीतने का बहाना बना कर राहुल ढेरों पेन, कापी किताबें इकट्ठे कर चुका था।

एक दिन बाल दिवस मनाया जा रहा था। अचानक हॉल में बैठे-बैठे राहुल का पेट दर्द होनेे लगा वह मास्टर  से पूछ कर अपनी कक्षा में जाकर लेट गया कुछ ही देर में राहुल के दोस्त सचिन को मास्टर जी ने राहुल का हाल चाल पूछने के लिए भेजा। सचिन ने कक्षा का दरवाजा ज्यों ही खोला वह आश्चर्यचकित रहा गया। राहुल मजे से बस्ता खोलकर पेन निकाल कर खिड़की से फेंक रहा था। सचिन को देखकर राहुल हड़बड़ा गया। और राहुल से बोला- यार किसी से बताना मत। मैं तो….। सचिन बोला राहुल मुझे तो कई दिनों से तुम्हारे ऊपर शक हो रहा था, पर आज आंखों से देख लिया।  सचिन ने मास्टर जी को चुपचाप सब कुछ बता दिया पर मास्टर जी राहुल को पूरी कक्षा के सामने लज्जित नहीं करना चाहते थे। बल्कि उसे अपनी गलती पर शर्मिंदा होकर स्वयं ही सुधरने का मौका देना चाहते थे। वार्षिक परिक्षाएं शुरू हो चुकी थीं। राहुल पेपर देते-देते बीच में उठकर पानी पीने गया। जब वह लौटा तो उसका पेन नहीं था। मास्टर जी ने पूछा तो राहुल ने बताया कि उसका पेन नहीं है, तो मास्टर जी ने अपना पेन उसको दिया उसे अपनी गलती का एहसास हो चुका था। आज उसे पेन की कीमत पता चल चुकी थी। फिर उसने मास्टर जी  से गलती की मांफी मांगी और पूरा सामान घर से लाकर मास्टर जी को दे दिया  और अपने सभी दोस्तों से भी माफी मांगी।

त्रिलंगा, भोपाल

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App