आपके स्वभाव का आईना हैं आपके मन के विचार

By: Jun 21st, 2017 12:05 am

कहते है शब्दों में बहुत ताकत होती है, अगर आप पॉजिटिव बोलोगे तो वैसा ही होगा, क्योंकि पॉजिटिव किरणें हमारे आसपास आएंगी। जितना हो सके, अपनी परिस्थति पर पॉजिटिव बोलें…

सकारात्मक सोच एक शक्ति, एक शस्त्र है, जो भगवान ने हमें दिया। इसका प्रयोग कर हम बड़े से बड़े युद्ध में विजय प्राप्त कर सकते है। जीवन में हमें कई तरह की परेशानियां आती हैं, ऐसा कोई नहीं है, जिसके जीवन में कोई कठिनाई, परेशानी न हो। हर इनसान के पास परेशानी है, लेकिन हर इनसान परेशान,रोता हुआ तो नहीं दिखता। परेशानी के समय भी जो अपनी सोच पर काबू रखते हैं, वे ही उससे लड़कर आगे सफल हो पाते है। मनुष्य के मन में दो तरह के विचार होते है, सकारात्मक और नकारात्मक। सकारात्मक विचार भगवान की ओर से आते हैं, जबकि नकारात्मक सोच शैतान का काम है। आप माने या न माने, लेकिन इस दुनिया में जैसे भगवान हैं वैसे ही शैतानी ताकत भी है। मन में गलत विचार लाना, अपने ही बारे में बुरी सोच ये शैतानी शक्ति ही देती है। ऐसा कौन इनसान है जो अपने व अपने लोगों के लिए बुरा करना या सोचना चाहेगा। लेकिन शैतान ऐसा ही है, वह चाहता है, मनुष्य की सोच उसके हिसाब से चले, इसलिए वो हर वो बात जो हमारी भलाई के लिए नहीं है, हमारे मन में डालेगा। सकारात्मक सोच कैसे बनाएं कहते है पॉजिटिव थिंकिंग वाले लोग ही जीवन में सफल हो पाते हैं। आपके मन के विचार आपके स्वाभाव के द्वारा सबके सामने आते है। सकारात्मक सोच वालों के आसपास सभी लोग रहना पसंद करते है। सकारात्मक सोच के लिए सुबह उठते ही आईने के सामने खड़े होकर ये प्रक्रिया अपनाएं।

  1. मुस्कराओ, 2. आज मेरा दिन है

3.मुझे पता है, मैं आज सबसे बेस्ट जगह में हूं। 4.मुझे पता है, मैं विजेता हूं

5.मैं अपने लिए खुद जिम्मेदार हूं

6.अपनी डेस्टिनी मैं खुद चुन सकता हूं।

7.मुझे पता है, यह मैं कर सकता हूं और मैं पक्के से कर सकता हूं।

8.भगवान हमेशा मेरे साथ है।

आप सोच रहे हैं, ऐसा करने से क्या बदलाव आएगा, मेरी परेशानी ऐसे ठीक नहीं होगी, लेकिन आप विश्वास करें और इस प्रक्रिया को अपनाएं। कहते है शब्दों में बहुत ताकत होती है, अगर आप पॉजिटिव बोलोगे तो वैसा ही होगा, क्योंकि पॉजिटिव किरणें हमारे आसपास आएंगी। जितना हो सके, अपनी परिस्थति पर पॉजिटिव बोलें।

  1. विश्वास रखें खुशी एक विकल्प है, जिसे अपने लिए आप खुद चुन सकते हैं।
  2. 2. नकारात्मक भरी जिंदगी से दूर रहें। 3. हर परिस्थति में सकारात्मक बातें ढूढें।
  3. अपने अंदर सकारात्मकता को सुदृढ़ कर लें। 5. खुशियों को दूसरों के साथ बांटें।

अच्छा सोचें: हमारी सोच जैसी रहेगी, हम वैसा व्यवहार करेंगे और अच्छा सोचेंगे तो अच्छा होगा और बुरा सोचेंगे तो बुरा। हर बात के दो पहलू होते हैं, एक अच्छा एक बुरा। आप सोच रहे होंगे कि ये सब बातें सिर्फ कहने की हैं, इनसान की परिस्थति वही समझ सकता है, जिस पर बीतती है। हां, यह सच है, लेकिन आपको अपनी लड़ाई खुद लड़नी है। जैसे पानी से भरे आधे गिलास को कोई बोलेगा यह  आधा भरा, तो कोई बोलेगा यह आधा खाली है।

नजरिया बदलो : हमारी परेशानीयों से हमारी खुशी या गम नहीं जुड़ा होता है, हम किस नजरिए से इसे देखते हैं, ये उससे तय होता है। दुनिया में कई ऐसे लोग हैं, जो जीवन की कठिन परिस्थति में होंगे, लेकिन फिर भी वे सदा मुस्कराते रहेंगे और कई ऐसे भी लोग होंगें जिनके पास सब कुछ होगा, उनके जीवन की सबसे बड़ी जीत उन्हें मिली होगी तब भी वे परेशान होंगें। आपको तय करना होगा,आप अपनी लाइफ को किस तरह से देखते हो।

शिकायत मत करो : किसी भी बात के लिए शिकायत मत करो, चिड़चिड़ाओ नहीं। बेकार परिस्तिथि में भगवान या किसी इनसान या अपनी किस्मत को मत कोसो, बल्कि उस परिस्थिति का दूसरा पहलू देखो।

 


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