खुशबू नहीं बीमारी भी देते हैं फूल

By: Jun 24th, 2017 12:05 am

फूल यूं तो खुशबू देते हैं, लेकिन इनके परागकण जब एलर्जिक होते हैं तो सांस लेना दूभर करते हैं। अकसर आपने देखा होगा कि हर इनसान को किसी न किसी चीज से एलर्जी होती है। पेड़ों पर लगे रंग-बिरंगे नए फूल देखने में बहुत सुंदर लगते हैं, लेकिन मन को लुभाने वाले इन फूलों में से निकलते हैं छोटे-छोटे बीज, जिन्हें पौलेन ग्रेन या परागकण कहा जाता है। ये हवा में मिल कर चारों तरफ  फैल जाते हैं। इन के कारण नाक और गले में जलन व सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।  क्यों होती है एलर्जी-सवाल यह उठता है कि कुछ लोगों को परागकण से एलर्जी क्यों होती है और यह एलर्जी किस तरह से हमारे शरीर को प्रभावित करती है? इस बारे में डाक्टर का कहना है कि ये छोटे-छोटे परागकण नाक में घुस कर उसके अंदर की लेष्मा की परत से चिपक जाते हैं, इसके बाद ये नाक से गले तक पहुंच जाते हैं, जहां इन्हें या तो निगल लिया जाता है या फिर खांस कर बाहर निकाल दिया जाता है। इससे कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी परागकण रोग प्रतिरक्षा तंत्र यानी बीमारियों से लड़ने की शरीर की ताकत पर असर करते हैं। दरअसल समस्या की जड़ पराग में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जिन लोगों को पराग से एलर्जी होती है, उन के शरीर का रोग प्रतिरक्षा तंत्र कुछ खास किस्म के पराग के प्रोटीन को खतरा समझने लगता है। इसलिए जब उन के शरीर में ये परागकण घुस आते हैं, तो ऐसा चक्र शुरू हो जाता है कि जिस से शरीर के उत्तकों में पाई जाने वाली मास्ट कोशिकाएं फट जाती हैं और ये बड़ी तादाद में हिस्टामीन नाम का पदार्थ छोड़ती हैं। हिस्टामीन की वजह से खून की नलियां फैल जाती हैं और उन में से पदार्थों के आरपार जाने का रास्ता खुल जाता है। इस वजह से बीमारियों से लड़ने वाली कोशिकाओं से भरा द्रव्य बह कर बर्बाद हो जाता है। नतीजतन नाक बहने लगती है और उस में खुजली होने लगती है, ऊतक फूल जाते हैं और आंखों से पानी आने लगता है। फूलों में मौजूद पौलेन की वजह से लोगों को अस्थमा की एलर्जी भी हो जाती है। बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, इसलिए उन्हें एलर्जी की समस्या ज्यादा होती है। कुछ बच्चों की सांस की नली असाधारण रूप से संवेदनशील होती है, जो वातावरण में मौजूद धूल के कणों की वजह से सिकुड़ जाती है और उस में सूजन आ जाती है, इसी वजह से बच्चों को सांस लेने में तकलीफ  और खांसी की समस्या होती है। आमतौर पर फूलों के परागकणों से यह एलर्जी होती है। इसलिए जहां तक संभव हो, बच्चों को इन से दूर रखने की कोशिश करें।

लक्षण पहचानेंः छींके और आंखों से पानी आना।

खांसी, जुकाम और नजला होना।  शरीर में जगह-जगह चकत्ते पड़ना। सांस लेने में दिक्कत होना।

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