गांव तो छोड़ो…एनएच पर भांग ही भांग

By: Jun 24th, 2017 12:01 am

कुल्लू – जून का महीना अंतिम पड़ाव पर है, अभी तक जिला प्रशासन ने भांग की खेती को नष्ट नहीं किया गया है। जिला कुल्लू के सदूर गांव तो दूर अभी तक एनएच-21 प्राकृतिक रूप से उगी भांग से हरा-भरा है। मई माह में जिला प्रशासन ने भांग के नष्ट करने का अभियान छेड़ा दिया है। इतना समय बीत गया है, लेकिन अभी तक एनएच, ग्रामीण सड़कें, गांव और गलियां प्राकृतिक रूप से उगी भांग लहला रही है। जून माह में जिला प्रशासन ने पूरे जिला में भांग की खेती को नष्ट करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन माह बीतने वाला है, अभी तक एनएच ही भांग से भरी पड़ा है। जिला कुल्लू के प्रवेश द्वार बजौरा से लेकर कुल्लू की ही बात करें तो एनएच पर भांग बगीचे के रूप में नजर आ रही है। हैरानी की बात यह है कि जिला प्रशासन ने पंचायत, सामाजिक संस्थाओं, स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगी भांग को नष्ट किया जाए, लेकिन धरातल पर देखें तो स्थिति कुछ और ही बयां कर रहा है। हालांकि जिला की कुछेक पंचायतों के प्रतिनिधियों ने सभी वार्डों से भांग को नष्ट किया है। एनएच-21 के साथ सटी पंचायतों की बात करें तो अभी तक इस अभियान को चलाने में चुपी साधे बैठी हुई है। सरकारी स्कूल हो चाहे निजी स्कूल हो इसके इर्दगिर्द अथाह प्राकृतिक रूप से उगी भांग लहला रही है। जिस तरह से अभियान कछुआ चाल से चला हुआ है, इससे लग रहा है कि भांग की खेती का कभी समूल नाश नहीं हो सकता है। भले ही हर वर्ष जिला कुल्लू में पुलिस प्रशासन द्वारा भांग की खेती नष्ट करने का अभियान छेड़ा जाता है। लेकिन इस अभियान का असर नहीं दिख रहा है। क्योंकि  जिला में इसके बावजूद भी चरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में कैसे भांग का समूल नाश होगा, यह एक गंभीर ही चिंता का विषय बना हुआ है। युवा आए दिन नशे के दलदल में धंसते जा रहे हैं, जो कि एक चिंता का विषय है।

अभियान का… न जाने कब असर होगा

कुल्लू – भांग उखाड़ो अभियान का असर न जाने कब होगा। हालांकि प्रशासन ने दो महीने इस अभियान में लगाए । न जाने कितने कर्मचारियों और समाजसेवी संस्थाओं की ड्यूटी लगाई पर इसके अभी तक कोई भी सकारात्मक असर सामने नहीं आया है। हालत यह हो रही है कि बरसात उतरते ही फिर से भांग के पौधे लहलहाने लगे हैं। अब लहलहा रही यही भांग तस्करों का हथियार बन जाती है। प्रशासन दावा कर रहा है कि हमने नशे पर लगाम कसी है पर हालात उसके विपरीत ही हैं। गांवों के साथ-साथ एनएच के किनारे लहलहा रहे भांग के पौधे व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खुद ही लगा है। ऐसे में अब आगे चलकर पुलिस कितना शिकंजा कस पाएगी,यह समय ही बताएगा। वहीं पुलिस का दावा है कि हम समय-समय पर नाके लगाकर  लगातार तस्करों पर कार्रवाई कर रहे हैं और जल्द ही कुल्लू के माथे पर लगे चरस के कलंक को मिटाकर ही दम लेगें। जिला के बुद्धिजीवियों की मानें तो अभियान तो छिड़ा पर न जाने इसका असर कब होगा।

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