जीएसटीः जनाब! पता तो चले है क्या

By: Jun 29th, 2017 12:05 am

हिमाचली कारोबार में आजकल एक ही नाम की चर्चा है – जीएसटी। जीएसटी का सीधा सा मतलब है एक ही कर। इसके बारे में ज्यादा न तो कारोबारियों को पता है और न अधिकारी बताते हैं। स्थिति स्पष्ट नहीं है। व्यापारियों को जीएसटी नंबर भी नहीं मिल रहा है। कारोबार पर असर न हो, बस यही चिंता सता रही है। व्यापारियों से जीएसटी पर राय लेकर सोलन की रिपोर्ट…

जीएसटी को सरल बनाया जाए

व्यापार मंडल के अध्यक्ष व बैकरी शॉप के मालिक मुकेश गुप्ता का कहना है कि वह जीएसटी का विरोध नहीं कर रहे हैं। जीएसटी को सरल बनाया जाना चाहिए ताकि आम व्यापारी की समझ में आ जाए कि नया टैक्स सिस्टम कैसे काम करता है। इनका कहना है कि अधिकत्तर व्यापारियों को जीएसटी के बारे में पता ही नहीं है। इस लिए पहले जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

कंपोजिशन पर हो छूट

 साहिब कलेक्शन शोरूम के मालिक हर्ष सहगल का कहना है कि जीएसटी दस लाख तक व्यवसाय करने वाले किसी भी व्यापारी को जीएसटी नंबर लेने की अवश्यकता नहीं है। दस लाख रुपए की सीमा बढ़ाकर कम से कम 20 लाख रुपए तक होनी चाहिए। इसी प्रकार कंपोजिशन पर भी 50  लाख रुपए तक छूट है। पंजाब की तर्ज पर यह राशि भी 75 लाख रुपए तक होनी चाहिए।

जल्दबाजी में किया जा रहा लागू

कपड़ा व्यापारी विनेश धीर का कहना है कि जीएसटी को  जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है। इसके लिए समय दिया जाना चाहिए। कम समय मिलने की वजह से व्यापारियों में रोष है। कम से कम 6 माह का समय जीएसटीम को समझने के लिए दिया जाए। इनका कहना है कि एक जुलाई से जीएसटी लागू हो रहा है अभी तक उन्हें यही पता नहीं है कि बिल बुक पुरानी इस्तेमाल करनी है ।

व्यापारियों को होगा फायदा

माल रोड स्थित हार्डवेयर व्यापारी प्रवीण गुप्ता का कहना है कि  जीएसटीम से कोई नुकसान नहीं होने वाला है। हिमाचल प्रदेश के छोटे शहरों में काम कर रहे व्यापारियों को जीएसटी लागू होने से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटीम को लेकर अभी  व्यापारी जागरूक नहीं है इसलिए परेशान हो रहे हैं। आयकर विभाग को चाहिए कि व्यापारियों को जीएसटी के बारे में पूर्ण जानकारी दें।

 बेवजह व्यापारियों को डराया जा रहा

चंबाघाट स्थित डीडी ओटो के मालिक धीरज सूद का कहना है कि जीएसटी के नाम पर बेवजह व्यापारियों को डराया जा रहा है। जीएसटीम के नाम पर हिमाचल के व्यापारियों से भेदभाव हुआ है। पूरे देश में बीस लाख तक का व्यवसाय करने वाले व्यापारी को जीएसटी नंबर लेने की अवश्यकता नहीं हैं, जबकि हिमाचल में यह सीमा दस लाख रुपए रखी गई है।

जीएसटी को लेकर जागरूकता जरूरी

दीपक ज्वैलर के मालिक नीरज वर्मा का कहना है कि जीएसटी को लेकर जागरूकता जरूरी है। वह इसका विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन विभाग पहले बताए कि जीएसटी को लेकर करना क्या है। किस प्रकार से बिल काटने हैं। कैसे एंट्री करनी है। यह सब तमाम समस्याएं व्यापारियों को आने वाले दिनों में आएंगी।

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