पहले बताओ तो सही! जीएसटी है क्या

By: Jun 29th, 2017 12:05 am

हिमाचली कारोबार में आजकल एक ही नाम की चर्चा है – जीएसटी। जीएसटी का सीधा सा मतलब है एक देश एक ही कर। इसके बारे में ज्यादा न तो कारोबारियों को पता है और न अधिकारी बताते हैं। स्थिति स्पष्ट नहीं है। व्यापारियों को जीएसटी नंबर भी नहीं मिल रहा है। कारोबार पर असर न हो, बस यही चिंता सता रही है। प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ने जीएसटी पर कारोबारियों की चिंता  जानी तो यूं सामने आई बात….

पहले कारोबारियों को जागरूक करो

सुमित कुमार कारोबारी, भुंतर

जीएसटी लगने से होटलों में रहना और खाना महंगा हो सकता है। इससे कारोबार भी प्रभावित होगा। टैक्स को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है और यही परेशान करने वाली बात है। हालांकि नया टैक्स लगने के बाद स्थितियां स्पष्ट होने की उम्मीद है। जीएसटी से टैक्स चुकाना आसान हो सकता है।  केंद्र पहले व्यापारियों को समझाए तो सही कि जीएसटी है क्या।

सरकार बताए, क्या है जीएसटी

आनंद सूद, भुंतर डीके इलेक्ट्रॉनिक्स

जीएसटी तो सही है, लेकिन इसके लागू होने से पहले फैलाई जा रही भ्रांतियों से कारोबारियों के साथ उपभोक्ता भी परेशान हैं और सरकार इस बारे में सही तरीके से जागरूक नहीं कर रही है। कारोबारियों को जीएसटी को लेकर सही और सटीक जानकारी मिलनी चाहिए,  जिससे कारोबारियों को परेशानी न हो।

किसानो-बागबानों को राहत

खुशहाल ठाकुर कृषि-बागबानी कारोबारी, भुंतर

जीएसटी के तहत कृषि उत्पादों को टैक्स फ्री रखा गया है और सही निर्णय है। कृषि-बागबानी कारोबारी इसके लिए सरकार के आभारी हैं। जीएसटी से चोर बाजारी कम होगी और साथ ही कंपीटीशन भी कारोबारियों में बढ़ेगा। सबसे अहम यह कि कौन व्यापारी कितना कारोबार कर रहा है, इसकी पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

जीएसटी से कम होगी महंगाई

नरेंद्र राणा  राणा ज्वेलर्ज, भुंतर शहर

जीएसटी के लाभ ही लाभ हैं और ज्वेलरों को इससे कोई शिकायत नहीं है। सोने और अन्य आभूषणों पर टैक्स निर्धारित होने के बाद दामों में गिरावट आ सकती है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत देने वाला होगा। इससे महंगाई कम होगी। सरकार ने अच्छा फैसला लिया है। कई वर्गों में हालांकि स्थिति साफ नहीं है, लेकिन इसके लागू होने के बाद सब स्पष्ट हो जाएगा।

टैक्स का झंझट कर रहा परेशान

अनिल कुमार कपड़ा कारोबारी भुंतर शहर

कपड़े पर पहले कोई टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अब पांच फीसदी टैक्स लगेगा। इससे कपड़ा महंगा होगा और नुकसान सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को होगा। दुकानदारों के लिए भी अब टैक्स की अतिरिक्त औपचारिकताओं का झंझट पड़ने वाला है। क्योंकि इसका पूरा हिसाब-किताब कारोबारियों को रखना होगा। यही आक्रोश का कारण भी है।

टैक्स समझने में लगेगी देरी

तरुण कुमार व्यापारी, भुंतर

जीएसटी से कई उत्पादों पर टैक्स की दरें बदलने वाली हैं, जिस कारण  पुराने स्टॉक को बेचना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि कई उत्पादों पर टैक्स दर कम होने से दाम कम भी हो जाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। टैक्स किस आधार पर लगेगा इस प्रक्रिया को समझने में कारोबारियों को कुछ समय लगेगा।

कारोबारियों के लिए लगाओ कार्यशालाएं

जीएसटी को लेकर फैले भ्रम और अफवाहों ने कारोबारियों को डराकर रख दिया है। हालत यह है कि स्थिति स्पष्ट न होने से चर्चाओं के बाजार गर्म हो रहे हैं। व्यापारियों को बस यही चिंता सता रही है कि जीएसटी से झंझट बढें़गे और उन्हें बिजनेस में घाटा होगा। अब प्रशासन को इस ओर नजर रखनी चाहिए और कार्यशालाएं लगाकर कारोबारियों को जागरूक करना चाहिए।

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