पहले बताओ तो सही! जीएसटी है क्या

By: Jun 29th, 2017 12:05 am

हिमाचली कारोबार में आजकल एक ही नाम की चर्चा है – जीएसटी। जीएसटी का सीधा सा मतलब है एक देश एक ही कर। इसके बारे में ज्यादा न तो कारोबारियों को पता है और न अधिकारी बताते हैं। स्थिति स्पष्ट नहीं है। व्यापारियों को जीएसटी नंबर भी नहीं मिल रहा है। कारोबार पर असर न हो, बस यही चिंता सता रही है। प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ने जीएसटी पर कारोबारियों की चिंता  जानी तो यूं सामने आई बात….

पहले कारोबारियों को जागरूक करो

हरमीत सिंह कारोबारी,मंडी

जीएसटी से बेशक हानियां कम हैं और फायदें ज्यादा हैं, लेकिन इसे जिस तरह से लागू किया जा रहा है, वह सही नहीं है। पहले व्यापारियों को सही जानकारी दी जाए। अभी ज्यादातर व्यापारियों को जीएसटी नंबर भी नहीं मिले हैं। अब 37 रिटर्न भरनी पडेंगी। ऐसे में रोष होना स्वाभाविक है। सजा का प्रावधान भी सरकार खत्म करे और पूरी तरह से जीएसटी को लेकर व्यापारियों को पहले जागरूक किया जाए।

देश में बिना तैयारी क्यों कर रहे लागू

राजा सिंह, सर्राफा व्यापारी,मंडी

जीएसटी से आने वाले समय में कई फायदें होंगे, लेकिन जिस तरह बिना तैयारी इसे लागू किया जा रहा है, उससे नुकसान ही हैं। व्यापारी टैक्स देने को तैयार है, लेकिन पहले जीएसटी रजिस्टे्रशन तो हो और व्यापारियों को इसे अपनाने के लिए समय दिया जाए। एक साल में 37 रिटर्न भरना और गलती पर सजा का प्रावधान सही नहीं है।

धंधा संभालेंगे या रिटर्न ही भरते रहेंगे

सचिन गुप्ता होलसेल किराना व्यापारी

जीएसटी को सरकर बिना पूरी तैयारी और व्यापारियों का जागरूक किए बिना लागू कर रही है। पहली जुलाई से इसे लागू किया जा रहा और अभी कोई भी जानकारी सरकार ने व्यापारियों को नहीं दी है। आधे से ज्यादा को तो जीएसटी नंबर ही नहीं मिले हैं। व्यापारी अपना धंधा संभालेंगे या फिर 37 रिटर्न भरेंगे। अभी स्थिति ही स्पष्ट नहीं है कि करना क्या है।

खत्म हो 37 रिटर्न का झंझट

राजेश महेंदू्र सचिव, व्यापार मंडल 

केंद्र सरकार बिना तैयारी के जीएसटी  लागू कर रही है। अभी तक आधे से ज्यादा व्यापारियों की रजिस्टे्रशन भी नहीं हुई। जीएसटी में सब राज्यों में एक समान टैक्स भी नहीं है। केंद्र पहले व्यापारियों को समझाए तो सही कि जीएसटी है क्या। बिना तैयारी के इसे लागू नहीं किया जाए। 37 रिटर्न भरने का झंझट भी खत्म किया जाए।  हमें पता ही नहीं है कि जीएसटी से होगा क्या और हमें करना क्या है।

व्यापारियों को जीएसटी नंबर तो दे दो

मनजीत सिंह कपड़ा कारोबारी मंडी शहर

जीएसटी के नंबर अभी तक व्यापारियों को नहीं मिले हैं। कई राज्य इसे लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं। अगर सामान बेचने वाली फर्म टैक्स जमा नहीं करवाती है, तो वह फिर छोटे व्यापारियों को भरना पडे़गा, जो कि सही नहीं है। पहले सरकार पूरी तरह से व्यापारियों को जीएसटी से अवगत करवाए, जीएसटी नंबर दे और सभी राज्यों में एक साथ लागू करे।

आधी अधूरी तैयारी पड़ सकती है भारी

अमृतपाल सिंह प्रधान व्यापार मंडल, नेरचौक

जीएसटी बेहतर प्रयास है, लेकिन अधूरी तैयारी व्यापारियों के लिए दिक्कतें पैदा कर रही है। अभी भी इसे बडे़ सारे ऐसे प्रावधान हैं, जो कि व्यापारियों के हित में नहीं हैं। पांच रिटर्न की जगह अब 37 रिटर्न भरनी होंगी। सजा का भी प्रावधान है। सरकार पहले इन गलत प्रावधानों को हटाए और फिर से इसे लागू करे। व्यापारियों को पूरी जानकारी भी दी जाए ताकि समस्या न हो।

मंडी में कल बंद रहेंगे बाजार

पंडोह ,रिवालसर,जोगिंद्रनगर,थुनाग —

केंद्र सरकार द्वारा गलत ढंग से गुमराह कर देश के व्यापारी वर्ग पर जीएसटी लगाया जा रहा है। व्यापार मंडल पंडोह के अध्यक्ष बीआर सकलानी ने बताया कि जीएसटी से व्यापारी वर्ग हताश है। व्यापारी सरकार का क्लर्क बन कर रह गया है। केंद्र सरकार के इस तानाशाही फैसले के विरोध में देश हित में व्यापारी एकजुट होकर 30 जून (शुक्रवार) को एक दिन की प्रदेश व्यापी हड़ताल में शामिल होकर एकता का प्रदर्शन करेंगे। पंडोह क्षेत्र के सभी तरह के व्यापारिक संस्थान बंद रखे जाएंगे। वहीं  जीएसटी के आपत्तिजनक प्रावधानों को लेकर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल  के राष्ट्रव्यापी भारत बंद के समर्थन में रिवालसर व्यापार मंडल ने 30 जून को अपने सभी व्यापारिक संस्थान बंद रखने का फैसला किया है।  यह जानकारी व्यापार मंडल के प्रधान ढमेश्वर ठाकुर ने दी। इसके अलावा चैलचौक व थुनाग बाजार भी 30 जून को बंद रहेंगे।  भारत उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर जोगिंद्रनगर व्यापार मंडल ने 30 जून को सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का फैसला लिया है।

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