बेरोजगारी का बढ़ता मर्ज

By: Jun 28th, 2017 12:05 am

रमेश सर्राफ धमोरा (ई-मेल के मार्फत)

प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा नीत केंद्र सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए हैं, जिसे देखते हुए अच्छे दिन के अपने वादों को पूरा करने पर उनका जोर है। 2013-14 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी  ने युवाओं को प्रतिवर्ष एक करोड़ रोजगार के अवसर देने का वादा किया था। हालांकि बीते तीन सालों में रोजगार देने के मामले में मोदी सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। संयुक्त राष्ट्र श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 और 2018 के बीच भारत में बेरोजगारी बढ़ सकती है और रोजगार के नए अवसर सृजित होने में बाधा आ सकती है। संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने 2017 में वैश्विक रोजगार एवं सामाजिक दृष्टिकोण पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार रोजगार जरूरतों के कारण आर्थिक विकास पिछड़ता प्रतीत हो रहा है। ऐसी भी आशंका जताई गई है कि पिछले साल के 1.77 करोड़ बेरोजगारों की तुलना में 2017 में भारत में बेरोजगारों की संख्या 1.78 करोड़ और उसके अगले साल 1.8 करोड़ हो सकती है। वर्ष 2016 में रोजगार सृजन के संदर्भ में भारत का प्रदर्शन थोड़ा अच्छा था। रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया गया कि 2016 में भारत की 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर ने पिछले साल दक्षिण एशिया के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में मदद की है। एक बात तो स्पष्ट है कि नेताओं के वक्तव्यों से लाखों-करोड़ों रोजगार अवसर पैदा नहीं होंगे। इसके लिए हमें देश में रोजगार संभावनाओं की पड़ताल करते हुए एक प्रभावी नीति बनाकर आगे बढ़ना होगा। आज की तारीख में मोदी सरकार बेशक अपने कार्यकाल की ढेरों उपलब्धियां गिना सकती है, लेकिन रोजगार के मोर्चे पर अभी काफी कुछ किया जाना शेष है।

भारत मैट्रीमोनी पर अपना सही संगी चुनें – निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App