यमुना नदी के किनारे बसा है पांवटा शहर

By: Jun 14th, 2017 12:05 am

पांवटा साहिब यमुना के किनारे हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। इसका पौराणिक संबंध सूर्य देव से है। यह लगभग 22 किलोमीटर तक हिमाचल में बहती है। गिरि नदी, जो गिरि गंगा भी कहलाती है, का शाब्दिक अर्थ ही इसकी पवित्रता और ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है…

हिमाचल की नदियां

यमुना नदी  वेदों में कालिंदी के नाम से ज्ञात यह नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र के कालिंद पर्वत से यमुनोत्री नामक स्थान से निकलती है। पब्बर, गिरी, टौंस व बाता, इसकी मुख्य सहायक नदियां हैं। सिरमौर की सीमा के साथ बहती हुई यह ‘ताजेवाला हैडवर्क्स’ के पास हरियाणा में प्रवेश कर जाती है। हिमाचल प्रदेश में इसका स्त्रवण क्षेत्र 2320 किलोमीटर है। पांवटा साहिब यमुना के किनारे हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। इसका पौराणिक संबंध सूर्य देव से है। यह लगभग 22 किलोमीटर तक हिमाचल में बहती है। गिरि नदी, जो गिरि गंगा भी कहलाती है, का शाब्दिक अर्थ ही इसकी पवित्रता और ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है। वेद-पुराणों में प्रमाण है कि गंगा की एक बूंद निश्चय ही कुपड़ स्थान पर गिरी जो इस नदी का उद्गम स्थल बना। गिरि गंगा शिमला जिला की जुब्बल तहसील के कुपड़ स्थान से निकलती है। यह स्थान खड़ा पत्थर के समीप ऊंची धार पर स्थित है। यहीं से यह छोटी सी जलधारा कोटखाई, बलसर के बैहगांव परगने, कुमारसेन, घुंड और पराला सैंज से होती हुई बलग तीर्थ स्थली पर पहुंचती है। यहीं पर चूड़धार की चोटियों से निकली पाताल नदी तथा स्वर (सरस्वती) खड्ड से मिलकर त्रिवेणी संगम बनाती है। बलग के बाद सिरमौर की सीमा का स्पर्श करती गिरि नदी शिमला-सोलन जिला के कुछ क्षेत्रों को भी सरसब्ज करती हुई पलाशला-यशवंत नगर में शिमला से निकली नदी ‘अशन’ (अश्वनी) और सोलन के नाला ‘क्वाल’ और बथाऊधार से निकली नदी ‘पेखी’ को अपने में समा लेती है। यहीं से यह नदी सिरमौर क्षेत्र में प्रवेश करती हुई क्षेत्र को दो भागों ‘गिरिवार’ और ‘गिरिपार’ में विभाजित करती है, जहां खूबसूरत वादियों के साथ-साथ अथाह सांस्कृतिक संपदा संरक्षित है। ‘ठोड़-निवाड़’ में बडू साहब के साथ-साथ बहती हुई गिरी नदी ददाहू में जलाल नदी के लाल पानी को खुद में समेटते हुए रेणुका मां से निकली जलधारा को अपने साथ विलीन करती है और स्तौन तथा हजारों वर्ष पुरानी पूर्व सिरमौर रियासत की राजधानी सिरमौर ताल के अंचल को स्पर्श करते हुए ‘डाक पत्थर’ पर यमुना में मिलकर अपना सफर पूरा करती है। गिरी नदी के उद्गम स्थल के समीप कोटखाई एक पूर्व रियासत रही है, जिसकी राजधानी ‘गौहिर’  थी। इस क्षेत्र या यों कहा जाए कि पूरे हिमाचल का समृद्धतम गांव ‘क्यारी’ यहीं पर स्थित है।

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