शब्द वृत्ति

By: Jun 23rd, 2017 12:02 am

महापर्व योग

(डा. सत्येंद्र शर्मा, चिम्बलहार, पालमपुर )

मोदी जी ने विश्व को, बांटी यह सौगात,

महापर्व है योग का, करें योग की बात।

पर्वों का यह पर्व है, अनुपम अद्भुत पर्व,

विश्व मान्यता दे रहा, हिंद कर रहा गर्व।

चला महोत्सव स्वास्थ्य का, मिटा रहा अज्ञान,

इसके लाभ हजार हैं, हम भी लें कुछ जान।

दुनिया लोहा मानती, योगासन का आज,

हित रहता इसमें निहित, सेहत का है राज।

औषधि है हर रोग की, बड़ा फायदेमंद,

रुग्णालय के द्वार यह, करता कसकर बंद।

दिया विश्व को हिंद ने, ऋषियों का वरदान,

चेहरे का सौंदर्य है, करता दमक प्रदान।

न गर्दन में दर्द हो, न घुटनों में पीड़,

विधि-विधान से यदि करें सीधी रहेगी रीढ़।

दिनचर्या में ढाल लें, है निःशुल्क यह कार्य,

बेशक छूटे कर्म सब, करें इसे अनिवार्य।

अगणित योगासन बने, अगणित इनके लाभ,

सरल, सहज, सुंदर बनें, पूरे कर लें ख्वाब।

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