श्री राम गोपाल मंदिर

By: Jun 24th, 2017 12:08 am

  asthaasthaमंदिर के प्रवेश द्वार के सामने तुलसी चौरा, हाथ जोड़े महावीर की विशाल मूर्ति, पीछे गोशाला है। इसके उत्तर की ओर पिंडीनुमा शिवलिंग स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर अनुपम चित्रकला दर्शनीय है…

प्रसिद्ध प्राचीन ऐतिहासिक श्री राम गोपाल मंदिर पठानकोट से लगभग दस किमी.दूर चक्की खड्ड के बाएं किनारे पर डमटाल गांव में है। यह मंदिर जिला कांगड़ा तथा तहसील इंदौरा के अंतर्गत आता है। मंदिर चारों ओर से पेड़ों से घिरा हुआ है। यह स्थान समुद्रतल से 1500 फुट ऊंचाई पर है। मंदिर के दाएं किनारे पर दुर्गा माता का मंदिर है। इसके साथ ही मुख्य ड्योढ़ी गोपाल ड्योढ़ी,आध्यात्मिक ड्योढ़ी,प्राचीन वट वृक्ष, बाएं ओर गद्दी मंदिर, ऊपर गुरु निवास, दायीं ओर अन्य भंडार, महात्माओं की गुंबदकार में समाधियां हैं। श्री राम गोपाल का मंदिर उत्तर की ओर है। मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने तुलसी चौरा, हाथ जोड़े महावीर की विशाल मूर्ति, पीछे गोशाला है। इसके उत्तर की ओर पिंडीनुमा शिवलिंग स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर अनुपम चित्रकला दर्शनीय है। श्री राम गोपाल मंदिर को प्रारंभ में धर्मताल कहते थे। यह लगभग 17वीं सदी में निर्मित हुआ। यहां ढांगू पीर, हनुमान मंदिर, शिव मंदिर अन्य पावन स्थान हैं। यहां प्राचीन गुफाएं भी हैं। इनके प्राचीन चिन्ह अब भी मौजूद हैं। कई प्राचीन बावडि़यां भी देखने को मिलती हैं। भारत की प्राचीन चित्रकारी का नमूना इस स्थान पर देखा जा सकता है। किसी समय यहां षोडशोपचार की सभी विधियां होती थीं। यहां कई पर्व एवं त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं।

बलविंद्र बालम, गुरदासपुर

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