हिल्स क्वीन बनेगी स्मार्ट, पीछे छोड़े बड़े शहर

By: Jun 24th, 2017 12:07 am

newsआखिर लंबी जद्दोहद के बाद हिल्स क्वीन ने खुद को स्मार्ट सिटी में शामिल कर अपना रुतबा दिखा दिया है। देश के 30 शहरों में 15वें पायदान पर रहकर शिमला ने कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ा है। अब राजधानी का गौरव और बढ़ेगा, तो पर्यटन को नए पंख लगेंगे। …और क्या-क्या होगा  स्मार्ट सिटी शिमला में, बता रहीं हैं

स्टाफ रिपोर्टर अंजना ठाकुर

197 करोड़ से पैन सिटी

* पब्लिक ट्रांसपोर्ट

* ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

* पार्किंग के साथ पार्किंग सेंसर

* प्रवेश स्थल पर सेंसर स्क्रीन  स्मार्ट कार्ड

* लैंड स्लाइड मॉनिटरिंग

* कामर्शियल एरिया में सीसीटीवी

* बस स्टैंड में वाई-फाई

इनकी बदलेगी तस्वीर

तय योजना के मुताबिक शिमला शहर को सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र लोअर बाजार और राम बाजार को मुंबई भी भींडी मार्केट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यहां कुछ पुराने भवनों को गिराकर उनके स्थान पर नए भवन बनाए जाएंगे। तहबाजारियों को बसाने कतय योजना के मुताबिक शिमला शहर को सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र लोअर बाजार और राम बाजार को मुंबई भी भींडी मार्केट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यहां कुछ पुराने भवनों को गिराकर उनके स्थान पर नए भवन बनाए जाएंगे। तहबाजारियों को बसाने के साथ ही सड़कों को भी चौड़ा किया जाएगा।

सिटी में अंडर ग्राउंड होंगी बिजली की तारें

शिमला की भौगोलिक परिस्थितियों और यहां के परिवर्तन शील मौसम के चलते लोगों को अकसर बिजली आपूर्ति बाधित होने से परेशानी उठानी पड़ती है। स्मार्ट सिटी के तहत बिजली की तारों को अंडर ग्राउंड करने की योजना है।

14 करोड़  से ईको स्पॉट होंगे विकसित

नगर निगम की ओर से शहर में 14 करोड़ की लागत से ईको स्पॉट विकसित किए जाएंगे। इन स्पॉट पर पर्यटकों के लिए विशेष तौर पर सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

शहर में एरिया बेस्ड होगी डिवेलपमेंट

तैयार प्लान के तहत शहर में एरिया बेस्ड डिवेलपमेंट होगी, जिसके लिए कंपोनेंट तैयार किए गए हैं। पहले में रिडिवेलपमेंट दूसरे में रेटरो फिटिंग और तीसरे में पैन सिटी (स्मार्ट फ्यूचर) शिमला है, जिसके लिए अलग-अलग कॉस्ट निर्धारित की गई हैं।

1200 करोड़ से रि-डिवेल्पमेंट

रि-डिवेलपमेंट के लिए 1200 करोड़ का प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत स्कूल, अस्पताल व भवनों का इन्फ्रास्ट्रक्चर रिबिल्ड करना, निजी क्षेत्र विकास, लेबर होेस्टल विकास, होटल के कमरों का विकास, कामर्शियल स्थल विकसित करना, ओपन एरिया क्रिएट करना, केबल को अंडरग्राउंड करना, डीडीयू अस्पताल में हाउस पाइप फेसिलिटी देना, टूरिज्म को बढ़ावा देना, सीवरेज नेटवर्क, ड्रेनेज, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, स्ट्रीट लाइट, सड़कों व पैदल मार्गों का निर्माण सहित वेंडिंग एरिया विकसित करना प्रमुख है।

लोगों को ये भी सुविधाएं मिलेंगी

स्मार्ट सिटी के तहत शहर में यातायात व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए शिमला में रोप-वे, टनल, ओवरब्रिज, मोनोरेल चलाई जाएगी, साथ ही शहरवासियों को 24 घंटे बिजली, पानी, सीवरेज, स्वास्थ्य व शिक्षा की सुविधा मिल सकेंगी। ये सभी सुविधाएं अति आधुनिक तकनीकों से लबरेज होंगी। लोगों को मूलभूत सुविधाएं क्वालिटी के आधार पर दी जानी हैं। इसमें हाईटेक सीवरेज, पानी, बिजली, यातायात व्यवस्था, मनोरंजन, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं इत्यादि शामिल हैं। इसमें सामाजिक तथा आर्थिक स्तर पर विकास को महत्त्वपूर्ण माना गया है।

राज्य सरकार को देने होंगे 500 करोड़

स्मार्ट सिटी मिशन को लेकर कुल 988 करोड़ रुपए की फंडिंग होनी है ,जिसमें से केंद्र व राज्य सरकार के बीच 50ः50 के अनुपात के तहत फंक्शन होगी। इसमें केंद्र सरकार 488 करोड़ रुपए की राशि देगी जबकि राज्य सरकार और नगर निगम को 500 करोड़ रुपए की राशि देनी होगी। पहली किश्त जारी होने के बाद पहले उसका यूसी सर्टिफिकेट देना होगा तभी अगली किस्त जारी होगी।

31 मार्च को सबमिट किया था प्रोपोजल

नगर निगम शिमला ने बीते 31 मार्च को स्मार्ट सिटी का प्रोपोजल सबमिट किया था। उस समय नगर निगम के आयुक्त पंकज राय थे और संयुक्त आयुक्त का जिम्मा प्रशांत सरकैक के पास था। प्रोपोजल सबमिशन रिपोर्ट पर साइन करने के अगले दिन ही आयुक्त पंकज का तबादला कर दिया गया था और उन्हें एनएचएम में एमडी पद पर तैनाती दे दी गई, जबकि प्रशांत अभी भी निगम के संयुक्त आयुक्त हैं।

13०० करोड़ से रेटरो फिटिंग

* मार्गों का होगा सुधार

* पार्किंग व पैदल मार्गों का निर्माण

* 53 बस स्टैंड को विकसित करना

* साइकिल स्टैंड की सुविधा

* फायर फाइटिंग सिस्टम फिट करना

* ओल्ड आईएसबीटी क्षेत्र को विकसित करना

* 14 ईको टूरिज्म स्थल विकसित करना

* आइस स्केटिंग रिंक की रिडिवेलपमेंट

* फोरेस्ट एरिया में पार्क विकसित करना

1,01,400 लोगों ने  दिए थे सुझाव

स्मार्ट सिटी में आम जनता ने बेहतरीन सहभागिता दी है। शहर के एक लाख एक हजार 400 लोगों द्वारा लिखित में निगम को सुझाव दिए गए हैं ,जबकि सैलानियों, ई-मेल, सोशल मीडिया के जरिए करीब 18 लाख लोगों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित करवाई है। साथ ही सड़कों को भी चौड़ा किया जाएगा।

लोगों में खुशी की लहर

शिमला शहर को स्मार्ट सिटी बनाने से लोगों में खुशी की लहर है। स्मार्ट सिटी में अपना नाम दर्ज करवाकर शहर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

देशभर में 15वें पायदान पर

शिमला – शुक्रवार को हुई स्मार्ट सिटी की सालगिरह के अवसर पर स्मार्ट सिटी के तहत हुई तीसरे चरण की घोषणा में शिमला देशभर में 15वें पायदान पर रहा। शिमला को स्मार्ट सिटी में शामिल किए जाने पर पूरे जिला में खुशी की लहर है। खास यह कि पहली ही बार स्मार्ट सिटी की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाने में शिमला ने सफलता हासिल की है, जिसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। नगर निगम शिमला ने मार्च 31 को जो मास्टर प्लान केंद्र को भेजा था, वह 2906 करोड़ का था। इसी दमदार प्रोपोजल के आधार पर नगर निगम शिमला स्मार्ट सिटी की सूची में अपना नाम दर्ज कराने में सफल रहा। निगम ने जो प्रोपोजल केंद्र को भेजा था उसमें आम आदमी से लेकर शहर के ऐतिहासिक और पर्यटन महत्त्व को देखते हुए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। यानी शिमला के 34 वार्डोें का जहां कायाकल्प होगा वहीं ये वार्ड सुविधा संपन्न होने के साथ-साथ सौंदर्यीकरण के ताने-बाने में भी पिरोए जाएंगे।

ये होगा ट्रांसपोर्ट सेक्टर में

नगर निगम में 53 बस स्टॉप होंगे विकसित

शिमला को स्मार्ट बनाने के लिए नगर निगम शिमला ने जो प्लान तैयार किया है ,उसमें शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए तीन और सुरंगें बनाने की योजना है। इसमें एक टनल ढली टनल के साथ बनाई जानी है। दूसरी टनल लिफ्ट से लक्कड़ बाजार के लिए बनेगी व तीसरी आईजीएमसी से सेंट बीड्स कालेज के नजदीक पंप हाउस तक प्रस्तावित हैं। इसके अलावा शहर में 11 एस्केलेटर लगाने की भी योजना है। कार्ट रोड को चौड़ा करने की भी योजना है। साथ ही पांच हजार छोटी-बड़ी पार्किंग भी बनाई जानी हैं। 53 बस स्टॉप को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

शिमला से शोघी तक मिनी रेल

स्मार्ट सिटी प्रोपोजल के मुताबिक बस स्टैंड स्थित भलकू संग्रहालय रेल लाइन के विस्तार की योजना है। इसके तहत मिनी रेल शिमला से शोघी तक लोगों व पर्यटकों के लिए रोजाना उपलब्ध करवाई जाएगी।

बस में यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड

बस में यात्रा करने और बसों की जानकारी के लिए यात्रियों का स्मार्ट कार्ड बनाए जाने की योजना है।

स्मार्ट बनने में ये चुनौतियां

शिमला ने स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में अपना नाम तो दर्ज करा लिया ,लेकिन अब शहर को स्मार्ट बनाने की राह आसान नहीं है। जब स्मार्ट सिटी का प्रोपोेजल भेजा गया था ,तो नगर निगम की सत्ता माकपा के हाथों में थी और निगम का प्रशासनिक जिम्मा संभालने वाले अधिकारी भी और थे, लेकिन अब नगर निगम पर भाजपा का कब्जा है और मेयर व उपमहापौर दोनों ही पहली बार निगम की कमान संभालेंगे। ऐसे में स्मार्ट सिटी योजना को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा उन्हीं पर होगा।

पानी है शहर की बड़ी समस्या

शहर में वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पानी की आपूर्ति की है। तमाम कोशिशों के बाद भी शिमला को पूरा पानी नहीं मिल रहा है, जो योजनाएं बनाई गई है वह दीर्घकालीन हैं जबकि शिमला लंबे समय से पानी की किल्ल्त से जूझ रहा है। शहर में दूसरी बड़ी समस्या बंदरों और आवारा कुत्तों की है। इनसे निजात दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि इसमें कई कानूनी पेंच हैं।

बेतरतीब ढंग से बनीं बिल्डिंग

शिमला शहर में भवनों का निर्माण काफी बेतरतीब ढंग से हुआ है। इन भवनों का पुनर्निर्माण करने के लिए यहां के लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की चुनौती है। शिमला शहर में वीआईपी शहर है। यहां अधिकतर सड़के प्रतिबंधित हैं और कोर एरिया में आम लोगों के लिए वाहनों से पहुंचना संभव नहीं है। ऐसे में रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को शुरू करना बेहद जरूरी है। शहर में पार्किंग के लिए जगह नहीं वार्डों में पार्किंग के लिए जगह ही नहीं है। ऐसे में पार्किंग की सुविधा मुहैया करवाना भी आसान नहीं हैं। इसके अलावा बुनियादी सुविधा जैसे बच्चों के लिए खेल के मैदान मुहैया करावाने होंगे लेकिन शहर के भीतर इसके लिए जगह को व्यवस्थित करना आसान नहीं होगा। शिमला शहर में 80 हजार के लगभग वाहन है। हर टूरिस्ट सीजन के दौरान 10 हजार वाहनों का अतिरिक्त बोझ शिमला पर पड़ता है। ऐसा शायद ही कोई दिन होगा जब सर्कुलर रोड़ पर ट्रैफिक जाम न होता हो। स्मार्ट सिटी में ये दिक्कतें दूर होेगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है। वहीं शिमला में बच्चों को खेल सुविधाएं, जिम व अन्य साधन भी मुहैया करवाए जाएंगे इसकी आस रहेगी।

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