323 आंगनबाड़ी केंद्रों- स्कूलों को भूमि

By: Jun 24th, 2017 12:05 am

चंबा —  जिला के 323 आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों को अपनी भूमि नसीब होने वाली है। गौरतलब है कि चंबा जिला में अनेक ऐसी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं थी। इस दिशा में सार्थक कदम उठाते हुए वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत गठित जिला स्तरीय समिति ने इन्हें मंजूरी दी। उपायुक्त सुदेश मोख्टा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई समिति की बैठक में जिन 323 भूमि हस्तांतरण के मामलों को मंजूरी दी गई उनमें 209 स्कूल, जबकि 114 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। उपायुक्त ने कहा कि जिला में अन्य इसी तरह के मामलों को समिति के माध्यम से मंजूरी दी जाएगी, ताकि सामुदायिक जरूरतों से जुड़े महत्त्वपूर्ण संस्थानों को अपनी भूमि मिले और उनका निर्माण संभव हो सके। उपायुक्त ने कहा कि जिला में सात पारंपरिक वन समुदायों को भरमौर क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार दिए जा चुके हैं, जबकि डलहौजी के समीप लक्कड़मंडी क्षेत्र के निर्धन 53 परिवारों को भी व्यक्तिगत वन अधिकार दिए गए, ताकि वे अपना और अपने परिवारों का और अच्छे तरीके से निर्वाह कर सकें। बैठक में सर्वाधिक 193 मामले सलूनी उपमंडल के मंजूर हुए। इसी तरह वन मंडल पांगी के अधीन 8, वनमंडल चंबा के 62, तीसा के 53, चंबा वनमंडल के 16, जबकि भटियात के 36 मामलों में वन अधिकार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। उपायुक्त ने वन अधिकारियों का आग्रह किया कि वे उन विभागों का मार्गदर्शन करें जिनके मामले वन संरक्षण अधिनियम के तहत उनके पास आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तय समय अवधि में प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए, ताकि इस तरह के मामले बेवजह लंबे समय तक लटके न रहें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी कहा कि वे मामले तैयार करने से पहले इसकी पूरी प्रक्रिया को भली-भांति समझ लें। इस मौके पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी बलवीर ठाकुर के अलावा वनमंडल डलहौजी, चंबा, भरमौर और पांगी के वनमंडलाधिकारी और समिति के गैर सरकारी सदस्य भी मौजूद रहे।

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