एक शहर पुराना सा

By: Jul 3rd, 2017 12:05 am

मंदिरों, शिवालयों, कुओं, स्नानागारों

और बाग- बागीचों वाला

बड़ा अद्भुत था वह

एक शहर पुराना सा।

पंछी थे कलरव करते

बूढ़े पेड़ों पर, बांसों के बीहड़ों पर

बच्चे थे खेला करते

गोहर, पोखर, गलियां-गलियां

बड़ा अद्भुत था, वह एक शहर पुराना सा।

खाखी शाह था बीच बाजार

बंगाली बाबा का था चमत्कार

हनुमान बड़ की थी घनी छाया

थके हारों को देती साया

बड़ा अद्भुत था, वह एक शहर पुराना सा।

एक नदिया नटखट, भागती, शोर मचाती

पीछे छोड़ जाती, मछुआरों के जालों को

अचानक ! किस्मत ने पलटा खाया

खंड-खंड हुआ वह, एक शहर पुराना सा।

व्यासपुरी-धरा व्यास जी की

जलमग्न हुई, सतलुज के पानी से

सतलुज बनी गोबिंद सागर

कैसा हुआ यह परिवर्तन

बड़ा अद्भुत था वह

एक शहरा पुराना सा।

दीपक 212/2 बिलासपुर मोबाइल 93185-08700


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