चाणक्य द गुरु अकेडमी, हमीरपुर

By: Jul 26th, 2017 12:07 am

डा. नवनीत शर्मा

निदेशक

cereercereerचाणक्य द गुरू अकादमी कोचिंग के क्षेत्र में अपनी एक अलग छवि बना चुकी है। इसी का नतीजा है कि संस्थान युवाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है। साल-दर- साल उत्कृष्ट परिणाम देने वाला संस्थान बुलंदियां छू रहा है। 17 वर्षों से संस्थान छात्रों की सफलता व ज्ञानवर्द्धन के लिए निरंतर प्रयारसत है। संस्थान के निदेशक डा. नवनीत शर्मा ने बताया कि चाणक्य अकादमी 2001 में अस्तित्व में आई। संस्थान को खोलने का मुख्य उद्देश्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना था। आज भी संस्थान अपने इसी उद्देश्य के साथ छात्रों का भविष्य संवार रहा है। चाणक्य ने वर्ष 2012 में हिमाचल में एआईईईई का टॉपर दिया। वर्ष 2016 में शिल्पा चौधरी ने बीएएमएस की राज्य स्तरीय परीक्षा में पूरे प्रदेश में टॉप किया। वर्ष 2017 की शुरुआत में ही चाणक्य के छह में से तीन छात्रों ने सैनिक स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसी वर्ष छात्रा ऐरिन ने मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में देशभर में 11वां स्थान हासिल कर संस्थान का नाम चमकाया। इसी परीक्षा में साक्षी ने 55वां स्थान प्राप्त कर पहले 100 विद्यार्थियों में अपनी जगह बना ली। इस वर्ष संस्थान के छह विद्यार्थियों ने एमएनएस परीक्षा में अपनी जगह बनाई। इस वर्ष भी सफलता का यह सिलसिल जारी रहेगा। पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार और बेहतर परिणाम सामने आएंगे। चाणक्य अकादमी ने अब तक 750 से ज्यादा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में, 200 से अधिक मेडिकल, 100 से अधिक सेना व 40 से अधिक प्रबंधन के क्षेत्र में सिलेक्शन दी हैं। संस्थान के निदेशक डा. शर्मा ने स्वयं अनेक क्षेत्रों में सेवाएं दी हैं। उन्होंने वनस्पति विज्ञान में डाक्टरेट की है। अपने रिसर्च का भरपूर योगदान संस्थान की अध्ययन सामग्री एवं टीचर ट्रेनिंग में करते हैं। इसके साथ उन्होंने वकालत की भी पढ़ाई की है। उन्होंने सिस्टम प्रबंधन में भी डिग्री हासिल की है।

प्रोफेशनल लाइफ में भी डा. शर्मा ने केंद्रीय विद्यालय में टीचिंग का योगदान दिया है। इसके साथ-साथ डीएवी, करियर लांचर जैसे देशव्यापी नामी संस्थाओं में कार्य कर अखिल भारतीय स्तर पर भी अलग पहचान बनाई है। डा. शर्मा ने अपने माता-पिता के नाम पर अमरदीप छात्रवृत्ति योजना शुरू की है। इसके तहत जरूरतमंद मेधावी बच्चों की शिक्षा एवं कोचिंग का खर्चा वह स्वयं वहन करते हैं। संस्थान के सहायक निदेशक ई. मुनीष शर्मा एनआईटी हमीरपुर से शिक्षा प्राप्त हैं और पिछले चौदह वर्षों से कोचिंग के क्षेत्र में रसायन विज्ञान में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इससे पहले वह एनआईटी में कार्यरत थे। पिछले दस साल से वह चाणक्य संस्थान से जुड़े हुए हैं। संस्थान में विजय सिंह गणित विभाग के प्रमुख के रूप में पिछले नौ वर्षों से चाणक्य अकादमी में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देकर छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। ई. संदीप राणा चाणक्य अकादमी के भैतिक प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं और नासा के लिए ऑनलाइन एजुकेटर भी हैं।

संदीप राणा की अगवाई में भौतिकी विषय एवं उनके अधीन कार्यरत अध्यापक बेहतर से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। साक्षी शर्मा जीव विज्ञान प्रमुख की भूमिका सफलतापूर्वक वहन कर रही हैं। इसके साथ ही सुरेंद्र सिंह (गणित विशेषज्ञ), नेहा शर्मा (रसायन विज्ञान प्रवक्ता), राजेश कुमार (भौतिकी प्रवक्ता), शालिनी शर्मा (जीव विज्ञान प्रवक्ता)एवं शशि ठाकुर(जीव विज्ञान प्रवक्ता) निरंतर अपने -अपने विषयों में नए आयाम छू रहे हैं। उन्होंने बताया कि चाणक्य में एडमिशन प्राप्त छात्रों को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु उसी स्तर की अध्ययन सामग्री दिल्ली स्थित मैटीरियल रिसर्च कंपनी से आयात की जाती है, ताकि विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर लाभान्वित हो पाएं। प्रभावी अध्ययन व अध्यापन के लिए समय-समय पर टीचर ट्रेनिंग कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले नए प्रश्नों एवं नए विषयों पर गंभीर मंथन कर उनके समाधानों पर ट्रेनिंग दी जाती है, जिसका सीधा लाभ विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं परीक्षाओं में मिलता है। संस्थान में महत्त्वपूर्ण सुविधाओं का बहुत बारीकी से ख्याल रखा जाता है। विषयवार कोचिंग के साथ-साथ मानव जीवन के मूल्यों एवं संस्कारों को भी चाणक्य अकादमी में महत्त्वपूर्ण प्रभाव के साथ प्रत्यारोपित किया जाता है।

– मस्तराम डलैल, हमीरपुर

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