चीन नहीं, खुद को सुधारिए

By: Jul 18th, 2017 12:05 am

डा. भरत झुनझुनवाला

लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं

डा. भरत झुनझुनवालाचीन के नागरिक और सरकार रकम का उपयोग दुनिया को खरीदने में कर रहे हैं। हम इस मंत्र को उनसे नहीं सीखना चाहते हैं। उल्टे ऐसा जता रहे हैं कि चीन भारत में सस्ता माल बेच कर कुछ गलत कर रहा है, जिसके लिए उसके माल का बहिष्कार करना चाहिए। मैं चीन के माल का बहिष्कार करने का समर्थन करता हूं, परंतु पहले हमें अपनी दुर्नीतियों को ठीक करना होगा। अपनी नौकरशाही को व्यापार को सुलभ बनाने की ओर मोड़ना होगा। देश के सामने दुनिया खरीदने का सपना परोसना होगा…

सीमा पर चीन के अडि़यल रवैये को देखते हुए देश में मांग उठ रही है कि चीनी माल का बहिष्कार किया जाए। बात सही है, परंतु प्रश्न है कि चीन के माल की यह घुसपैठ हो कैसे रही है? भारत और चीन दोनों एक ही विश्व बाजार में स्थित हैं। जैसे एक ही मंडी में आलू बेचने वाले दो व्यापारी स्थित होते हैं, वैसे ही हम और चीन विश्व बाजार में हैं। हमारे दोनों देशों को विश्व बाजार से एक ही दाम पर कच्चा माल खरीदना होता है, जैसे तेल, कोयला एवं लौह खनिज। तब चीन का माल सस्ता और भारत का माल महंगा क्यों पड़ता है? मंडी में एक व्यापारी चीन से आयातित सस्ता आलू बेच रहा है और दूसरा भारत में उत्पादित महंगा आलू बेच रहा है। अब हमारे विचारक कह रहे हैं कि चीन के सस्ते आलू का बहिष्कार किया जाए। यह क्यों नहीं सोचते कि भारत में उत्पादित आलू की लागत ज्यादा क्यों आ रही है?

भारत में लागत ज्यादा आने का मूल कारण भ्रष्टाचार है, जो कि बुनियादी संरचना के खस्ता हाल में भी दिखता है। भ्रष्टाचार सीधे किसान अथवा उद्यमी को अनेक प्रकार से प्रभावित करता है। जैसे भ्रष्टाचार के कारण नहर की मरम्मत नहीं होती है, पानी का रिसाव होता है और किसान को नहर का सस्ता पानी नहीं मिलता है। बिजली विभाग में चोरी के कारण बड़ी मछलियों को बिजली सस्ती मिलती है और बिजली बोर्ड को घाटा लगता है, जिसके कारण बोर्ड द्वारा बिजली के दाम बढ़ाए जाते हैं। बिजली लाइनों की मरम्मत का माल ब्लैक में बेच दिया जाता है और उद्यमी को बिजली नहीं मिलती है। श्रम विभाग में भ्रष्टाचार के कारण लेबर इंस्पेक्टर, फैक्टरी इंस्पेक्टर, वेट्स एंड मेजर्स इंस्पेक्टर आदि को घूस देनी पड़ती है। इन कारणों से भारत में उत्पादन लागत ज्यादा आती है और चीन का माल घुसपैठ करने में सफल होता है। लेकिन भारतीय किसान को टेलीविजन तथा बाइक चाहिए। खेती में घाटा लग रहा है, परंतु खपत बढ़ाने की ललक है।

भारत सरकार द्वारा ‘विकास’ का नारा देकर खपत बढ़ाने के लिए देशवासियों को प्रेरित किया जा रहा है। सपना परोसा जा रहा है कि शीघ्र ही हमारे देशवासी अमरीका की तर्ज पर खपत करेंगे। फलस्वरूप किसान या तो अपनी जमीन बेचता है अथवा शहर में काम कर रहे बेटे द्वारा भेजी गई रकम से बाइक खरीदता है। अपना धंधा घाटे में और दूसरी आय से लाइफ को इंजॉय किया जा रहा है। यही प्रक्रिया हम देश के स्तर पर अपना रहे हैं। हमारी उत्पादन लागत ज्यादा आ रही है। हमारे निर्यात कम एवं आयात ज्यादा हैं। हमारा व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है, लेकिन ‘विकास’ की आस में हम फ्लैट स्क्रीन टीवी तथा एंड्रॉयड मोबाइल फोन खरीदना चाहते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था घाटे में चल रही है, परंतु इसके बावजूद हम अपने बेटी-बेटों द्वारा भेजी गई रकम का उपयोग खपत बढ़ाने में कर रहे हैं।

अब सवाल है कि चीन का माल सस्ता क्यों है? जानकार बताते हैं कि चीन की सरकार उद्यमी तथा व्यापारी को हर तरह से सहायता करती है। चीन से माल का आयात करने वाले एक भारतीय व्यापारी ने उदाहरण दिया कि वहां एक स्कीम के अंतर्गत पूरे एक कंटेनर माल के निर्यात का एक बिल बनाने पर टैक्स में पांच से सात प्रतिशत रिबेट मिलता है। रिबेट लेने के लिए घूस नहीं देनी होती है। दस बार सरकारी दफ्तर में चक्कर नहीं लगाने होते हैं। बिल जमा करने पर रिबेट की रकम तत्काल खाते में आ जाती है। जानकार यह भी बताते हैं कि वहां भी भ्रष्टाचार व्याप्त है, परंतु यह ऊंचे स्तर पर है और इसका रूप व्यापार को बढ़ावा देने का है। जैसे उद्यमी जमीन खरीदना चाहता है, तो घूस लेकर उसे सस्ती जमीन उपलब्ध करा दी जाती है। एक लाख की जमीन को चीन में घूस लेकर 50 हजार में उपलब्ध कराया जाता है। हमारे नौकरशाह भी घूस वसूल करते हैं और एक लाख की जमीन की खरीद में अड़ंगा लगाकर डेढ़ लाख में उद्यमी को वह जमीन मिलती है।

चीन का माल सस्ता होने का दूसरा कारण चीन में पर्यावरण की क्षति करने की छूट है। वहां भूमिगत पानी और हवा दोनों प्रदूषित हो चले हैं। लोगों का स्वास्थ्य गिर रहा है। भारत में अब तक पर्यावरण को नष्ट करने की तुलना में छूट कम थी। वर्तमान सरकार चीन की इस नकारात्मक नीति को अपनाने की तरफ बढ़ रही है। जंगल को काटना आसान बना दिया गया है। गंगा पर जलविद्युत परियोजनाएं बना कर उसे नष्ट किया जा रहा है। नौकरशाही के व्यापार के प्रति सकारात्मक भ्रष्टाचार तथा पर्यावरण की क्षति की छूट के कारण चीन का माल बाजार में सस्ता पड़ता है। यूं समझिए कि अपने पानी और हवा का निर्यात करके चीन धन कमा रहा है। इस धन का उपयोग वह दुनिया को खरीदने में कर रहा है। चीन की सरकार ने भारी मात्रा में अमरीका सरकार द्वारा जारी बांड खरीद रखे हैं और अमरीका को दबाव में ले लिया है। चीन की कंपनियां पूरी दुनिया में विचरण करके जमीन तथा शीर्ष कंपनियों को खरीद रही हैं। अपनी विस्तारवाद की नीति को चीन ने इस रूप में भी क्रियान्वित किया है। इसलिए चीन का दुनिया में दबदबा है।

अब भारत तथा चीन के मॉडल के अंतर को समझा जा सकता है। पहला अंतर है कि भारत की नौकरशाही व्यापार में ब्रेक लगाकर घूस वसूल करती है, जबकि चीन की नौकरशाही व्यापार में मोबिल ऑयल डाल कर घूस वसूल करती है। साथ-साथ भारत में प्रदूषण फैलाने की फिलहाल छूट कम है। इन कारण से भारत में उत्पादन लागत ज्यादा आती है और चीन में कम। दूसरा अंतर है कि निर्यात से कमाई गई रकम का उपयोग चीन की सरकार तथा उद्यमियों द्वारा दुनिया को खरीदने को किया जा रहा है। तुलना में हम अपने बेटे-बेटियों द्वारा भेजी गई रकम का उपयोग एंड्रॉयड फोन खरीदने एवं लाइफ को इंजॉय करने को कर रहे हैं। साथ-साथ हम गुहार लगा रहे हैं कि चीन के सस्ते माल का बहिष्कार करना चाहिए।

हम अपनी दुनीर्तियों को ठीक नहीं करना चाहते हैं। अपने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नहीं करना चाहते हैं। एंड्रॉयड फोन खरीदने की ललक को दबाना नहीं चाहते हैं। चीन से हम गलत सबक लेने को उतारू हैं। चीन की तर्ज पर पर्यावरण को हम नष्ट करने की ओर बढ़ रहे हैं। चीन की तरह व्यापार को बढ़ावा देने की सीख लेने को हम तैयार नहीं हैं। डिजिटल इंडिया तथा जीएसटी से हम व्यापार को जटिल बनाते जा रहे हैं। चीन के नागरिक और सरकार रकम का उपयोग दुनिया को खरीदने में कर रहे हैं। हम इस मंत्र को उनसे नहीं सीखना चाहते हैं। उल्टे ऐसा जता रहे हैं कि चीन भारत में सस्ता माल बेच कर कुछ गलत कर रहा है, जिसके लिए उसके माल का बहिष्कार करना चाहिए। मैं चीन के माल का बहिष्कार करने का समर्थन करता हूं, परंतु पहले हमें अपनी दुर्नीतियों को ठीक करना होगा। अपनी नौकरशाही को व्यापार को सुलभ बनाने की ओर मोड़ना होगा। देश के सामने दुनिया खरीदने का सपना परोसना होगा। अपनी नौकरशाही के भ्रष्टाचार और अपने देशवासियों को उत्तरोत्तर खपत के मंत्रों को पढ़ाकर चीन के माल का बहिष्कार न तो लागू हो पाएगा और न ही सफल होगा।

ई-मेल : bharatjj@gmail.com

भारत मैट्रीमोनी पर अपना सही संगी चुनें – निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App