भौतिकी में उंची उड़ान
भौतिकी में प्राकृत जगत और उसकी भीतरी क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख अंग है…
भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबंधों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी भीतरी क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख अंग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखाएं या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत ऊर्जा संरक्षण का नियम है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्य समुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार का परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी ऊर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं।
भौतिक विज्ञान की शाखाएं
भौतिक विज्ञान का विस्तृत अध्ययन करने के लिए इसे विभिन्न शाखाओं में विभाजित किया गया है। इसमें कुछ मुख्य शाखाएं हैं. यांत्रिकी, ऊष्मा, ध्वनि, प्रकाश, चुंबकत्व, विद्युत, आधुनिक भौतिकी, परमाणु भौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, विकिरण भौतिकी, ऊर्जा भौतिकी और ठोस अवस्था भौतिकी आदि।
क्या है भौतिकी
भौतिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों तथा द्रव्य से उसकी अन्योन्य क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। सतत वैज्ञानिक अध्ययनों से अब यह साबित हो चुका है कि ब्रह्मांड द्रव्य और ऊर्जा से मिलकर बना है तथा वह प्रत्येक वस्तु जो स्थान घेरती है, द्रव्य कहलाती है। कुर्सी, लोटा, बाल्टी आदि वस्तुएं क्रमशः लकड़ी, पीतल, लोहे की बनी होती हैं, द्रव्य कहलाती है। इनमें भार होता है और स्थान घेरती हैं। वायु, जिसे हम न तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं,किंतु यह स्थान घेरती है और इसमें भार होता है, उनमें द्रव्यमान होता है। किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को द्रव्यमान, जबकि किसी वस्तु पर पृथ्वी के लगने वाले आकर्षण बल को भार कहते हैं।
अनेकों ऑप्शन
दिमाग की बत्ती अगर हर छोटी-बड़ी चीज के बारे में जानने के लिए जल उठती हो और मैथ्स के समीकरणों का अच्छा ज्ञान हो, तो फिजिक्स बतौर करियर एक हॉट सब्जेक्ट है। इसमें आपको कई ऑप्शन भी मिलेंगे। मसलन आप प्रोफेसर या टीचर बनकर दूसरों की ग्रेविटी बढ़ा सकते हैं तो रिसर्चर बनकर ब्रह्मांड और देश-दुनिया के अनसुलझे रहस्यों की गुत्थी सुलझा सकते हैं। इसमें इंडस्ट्री के फील्ड में भी काफी मौके हैं, जिनमें ऑटोमोबाइल्स और कम्युनिकेशन आदि शामिल हैं।
फिजिक्स के कोसेर्ज
ग्रेजुएशन स्तर पर
1: बीएसी ऑनर्स, 2: बीएसी इन अप्लाइड फिजिक्स
3: बीएसी इन फिजिकल साइंस, 4: मेकेनिकल इंजीनियरिंग , 5: इंजीनियरिंग इन इलेक्ट्रॉनिक्स
ग्रेजुएशन के बाद
1: एमएसी इन फिजिक्स
2: एमएसी इन मेडिकल फिजिक्स
3: एमफिल इन फिजिक्स और एमफिल इन अप्लाइड फिजिक्स
4: पीएचडी इन फिजिक्स और पीएचडी इन न्यूक्लियर फिजिक्स
वेतनमान
भौतिकी के क्षेत्र में वेतनमान इस बात पर निर्भर करता है कि आप ने किस स्तर का जॉब ज्वाइन किया है। अगर आप सरकारी क्षेत्र में अध्यापन के क्षेत्र में हैं, तो आरंभिक आय 30 से 40 हजार से शुरू होगी। बाद में सीनियोरिटी के अनुसार वेतन में बढ़ोतरी होती रहती है। शोध के क्षेत्र में भी फिजिक्स में अच्छा पैकेज मिलता है।
शैक्षणिक योग्यता
भौतिकी में करियर बनाने के लिए कम से कम शैक्षणिक योग्यता दस जमा दो में भौतिकी का विषय अवश्य होना चाहिए। उसके बाद भौतिकी के क्षेत्र में बीएससीए, एमएससी और पीएचडी तक की डिग्री भी हासिल की जा सकती है। फिजिक्स में उच्च शिक्षा के बाद रोजगार संभावनाएं बढ़ने लगती हैं।
जिज्ञासा का समाधान है फिजिक्स
पानी पर कोई चीज कैसे तैरती है या आसमान का रंग नीला क्यों होता है। कोई चीज ऊपर से नीचे ही क्यों गिरती है या फिर बस या गाड़ी के अचानक रुकने पर हमें झटका क्यों लगता है। इन सब सवालों का जवाब है फिजिक्स के पास। अगर आप भी कभी अनसुलझे रहे इन सवालों की तरह दूसरी चीजों की गुत्थी सुलझाना चाहते हैं तो फिजिक्स आपका इंतजार कर रही है।
भौतिकी एवं मानवता
आज का मानव प्रगतिशील है। वह दिन-प्रतिदन विकास के नए-नए स्रोतों की ओर अग्रसर है। इन सभी विकास आयामों में भौतिकी का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है। आंखों में नजर के चश्मे, कैलकुलेटर आदि भौतिकी की ही देन हैं। अन्य जीवनोपयोगी महत्त्वपूर्ण आविष्कार जैसे रेडियो, रंगीन टेलीविजन, विद्युत इंजन, टेलीफोन, कृत्रिम उपग्रह, रंगीन फोटोग्राफी, सिनेमा, मौसम की पूर्व में ही भविष्यवाणी, सौर चूल्हा, सौर बैटरी, चंद्रमा व मंगल ग्रह की यात्रा, लेसर किरणों द्वारा कैंसर का उपचार, कम्प्यूटर रोबोट आदि ने निश्चित रूप से मानव को विकास के शिखर पर पहुंचा दिया है। दूरसंचार के क्षेत्र में भी भौतिकी ने नई क्रांति ला दी है। आप्टिकल फाइबर व लेजर किरणों के उपयोग से हजारों व्यक्ति एक लाइन पर, एक साथ बात कर सकेंगे। होलोग्राफी के सिद्धांत के उपयोग से अब त्रिविम चित्रों का प्रक्षेपण भी संभव साबित हुआ है।
फैक्ट्स बिना फिजिक्स नहीं
फिजिक्स को अगर कोई चीज सबसे खास बनाती है तो वह है फैक्ट्स। बिना फैक्ट्स के यहां कुछ नहीं है। अगर आप कुछ भी नया करते हैं तो उससे जुड़ा फैक्ट भी आपको देना होगा। मतलब यह कि आर्ट्स जहां सब्जेक्टिविटी पर चलता है, वहीं साइंस और फिजिक्स फैक्ट पर।
करियर क्षेत्र
* मैन्यूफेक्चरिंग इंडस्ट्री
* एजुकेशन
* रिसर्च
* इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन
* डिफेंस
* एटॉमिक रिसर्च आर्गेनाइजेशंस
* न्यूक्लियर इंस्टॉलेशंस
* कंस्ट्रक्शन फ र्म्स
* एविएशन इंडस्ट्री
प्रमुख शिक्षण संस्थान
* हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला, हिमाचल प्रदेश
* सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला, हिप्र
* सेंट जेवियर्स कालेज, मुंबई
* प्रेजिडेंसी कालेज, कोलकाता
* लॉयला कालेज, चेन्नई
* कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
* राजकीय पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश)
* राजकीय पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)
* जम्मू यूनिवर्सिटी, जम्मू
* जेएल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली
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