लावारिस पशुओं ने उजाड़ी मक्की

By: Jul 28th, 2017 12:05 am

पटड़ीघाट —  उपमंडल सरकाघाट के किसान अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे  कि अप्रैल, 2015 तक सभी आवारा पशुओं के लिए गोसदन बनाए जाएं।  कुछ काम धरातल  तक हुआ और सारी जिम्मेदारी प्रशासन ने खंड विकास अधिकारी गोपालपुर और उपमंडलीय पशु चिकित्सा अधिकारी पर डाल दी। गौसदनों के लिए जमीन कि तलाश भी होने लगी और तीन गोसदन भी बनाए गए।  इनमें से चंदेश और तताहर के पहले ही चल रहे थे, एक और बतेल में बनाया गया। जिसके कारण प्रशासन भी अपने को असहाय महसूस कर रहा है। सरकाघाट की पंचायत पटड़ीघाट, हरिबैहना, बरच्छवाड़, पौंटा, नबाही, फतेहपुर, सुलपुर बही, टिक्करी, सिध्याणी, भांबला व बलद्वाड़ा पंचायतों के गांव में इन आवारा पशुओं ने किसानों कि खड़ी मक्की की फसल को तबाह कर दिया है और रही सही कसर जंगली सूअरों और बंदरों  ने अपने आतंक से पूरी कर दी है। पंचायत प्रधान हरिबैहना दुनी चंद, ज्ञान चंद, लेखराज, राकेश, डंडू राम, डा. विनोद कुमार, पुष्पराज, संजीव, महेश राज, मोहन लाल, जगत राम, श्याम लाल, सुरेश कुमार, जगत राम, दीपक शर्मा, संजय आदि ने प्रशासन से इन आवारा पशुओं पर अंकुश लगाने और हर पंचायत में गोसदन बनाने की मांग की है। इस बारे में उपमंडलीय पशु चिकित्सा अधिकारी डा. जीवन लाल ने बताया कि गांव में सभी पशुओं को टैग लगाए जा रहे हैं। आवारा छोड़े  गए पशुओं के लिए भी वैकल्पिक प्रबंध किए जाएंगे।

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