30 तक बारिश…तैयार रहें अधिकारी

By: Jul 25th, 2017 12:15 am

मौसम विभाग का पूर्वानुमान, आज जमकर बरसेंगे बादल

newsशिमला  – प्रदेश के मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में सोमवार को मौसम फिर से रौद्र रूप दिखाएगा। मौसम विभाग ने राज्य के मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग के पूर्वानुमान के तहत समूचे राज्य में 30 जुलाई तक मौसम खराब बना रहेगा। इस दौरान मैदानी व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में एक-दो जगह बारिश होने की उम्मीदें जताई जा रही हैं। 24 घंटों के दौरान राज्य के मैदानी व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ जगह मूसलाधार बारिश हुई। धर्मशाला में सबसे अधिक 106 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। गगल, बैजनाथ में 70, सलूणी में 45, मनाली में 40, जोगिंद्रनगर में 37, गोहर में 36, पालमपुर में 27, धर्मपुर में 26, अर्की में 25, नयना देवी, देहरा गोपीपुर और नगरोटा सूरियां में 24, सोलन में 23, झंडूता में 21, कोटखाई में 20 और कुमारसैन में 16 मिलीमीटर बारिश हुई। बारिश से शिमला, सुंदरनगर, भुंतर, कांगड़ा व सोलन के अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री तक की गिरावट आई। कांगड़ा के अधिकतम तापमान में तीन, सोलन में दो, भुंतर में दो और ऊना-शिमला में एक डिग्री तक की गिरावट आई है, जबकि कल्पा, धर्मशाला व नाहन के तापमान में बढ़ोतरी आई है। शिमला में अधिकतम तापमान 22.3, सुंदरनगर में 31.6, भुंतर में 31.5, कल्पा में 23.2, धर्मशाला में 28.6, ऊना में 35, नाहन में 29.4, सोलन में 26.8 और कांगड़ा में 29.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के निदेशक डा. मनमोहन सिंह ने खबर की पुष्टि की है।

मुख्य सचिव विभागों को निर्देश, रास्तों का रखें ख्याल

शिमला – मुख्य सचिव वीसी फारका ने सोमवार को राज्य सरकार के सभी विभागों को बरसात में तैयार रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रदेश को जान-माल के नुकसान से बचाया जा सके। वीसी फारका सोमवार को विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ मानसून में आवश्यक बचाव पग उठाने के लिए आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। फारका ने सभी उपायुक्तों को संक्रामक, जलजनित बीमारियों से बचाव तथा शीघ्र आवश्यक सुधारात्मक उपाय उठाने के लिए विशेष अभियान आयोजित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने उपायुक्तों को पर्यटकों, ट्रैकरों तथा आम जनता को बचाव उपायों से  जागरूक करवाने के लिए भी कहा। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव कम करने के लिए संबंधित विभागों के मध्य बेहतर तालमेल सुनिश्चित बनाने तथा आवश्यक सेवाओं की उचित देखभाल के लिए भी कहा। मुख्य सचिव ने तत्काल प्रतिक्रिया, उपचारात्मक कार्रवाई तथा चेतावनी के उचित प्रसार को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाधित सड़कों को शीघ्र सुचारू बनाया जाए तथा अन्य उपलब्ध वैकल्पिक रास्तों को भी ठीक रखा जाना चाहिए। पानी की पाइपलाइनों को नुकसान पहुंचने पर मरम्मत कार्य को उच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाना चाहिए। उन्होंने शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर तथा मंडी जिलों के उपायुक्तों को फील्ड स्टाफ को सक्रिय करने तथा सेब की फसल के दौरान यातायात को सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने लाइन विभागों को हर स्थिति में तैयार रहने तथा नुकसान का जायजा लेने को कहा, ताकि संकलन के उपरांत इस जानकारी को समय रहते भारत सरकार को भेजा जा सके। राजस्व तथा आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव डीडी शर्मा ने कहा कि जिला स्तर पर उपलब्ध उपकरणों की स्रोत की सूची को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर अद्यतन किया गया है। इस सूची को सभी हितधारक विभागों के तालमेल से नियमित तौर पर अद्यतन किया जाना चाहिए।  बैठक में राजस्व तथा आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर, प्रधान सचिव गृह प्रबोध सक्सेना, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य की प्रधान सचिव अनुराधा ठाकुर, नगर निगम शिमला के आयुक्त जीसी नेगी विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

तुरंत ठीक करें पाइप

मुख्य सचिव फारका ने निर्देश दिए कि राज्य भू-विज्ञानी से आई रिपोर्टों के अनुसार भू-स्खलन प्रवृत्त क्षेत्र, विशेषकर मंडी जिला में पंडोह, सिरमौर में बनूर व मालगी तथा स्पीति के माणे गांव में शीघ्र उपचारात्मक कदम उठाएं। नगर निगम शिमला के आयुक्त को क्षतिग्रस्त मल निकासी पाइपों को तुरंत सुचारू बनाने तथा कार्यालय के व्यस्त समय में कचरे के ट्रकों की आवाजाही से बचने को कहा।

पेड़-ल्हासे गिरे, एनएच बंद

डैहर, अवाहदेवी — डैहर उपतहसील में रविवार रात हुई मूसलाधार बारिश व तूफान ने क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई,  जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारी बारिश व तूफान के कारण उपतहसील को राष्ट्रीय उच्च मार्ग से जोड़ने वाला एकमात्र कांगू-डैहर संपर्क मार्ग बंद हो गया। गासीनाला के पास फोरलेन निर्माण कार्य के कारण संपर्क मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा व पानी आने के कारण रविवार देर रात से लेकर सोमवार सुबह 11 बजे तक मार्ग पूर्णतः बंद रहा, जिससे यातायात ठप रहा। वहीं, भारी बारिश के चलते सरकाघाट एनएच-70 पर अवाहदेवी में सोमवार सुबह करीब सात बजे ल्हासे के साथ पेड़ गिर पड़ा। इस दौरान  पानी की मेन पाइप भी हवा में लटक गई। पेड़ की चपेट में आने से एक निजी बस बाल-बाल बच गई। ल्हासा गिरने से आधा घंटा तक यातायात बाधित रहा।

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