अंसारी के हल्के बोल

By: Aug 22nd, 2017 12:02 am

(मुकेश विग, सोलन )

उपराष्ट्रपति पद से दस वर्ष बाद सेवानिवृत्त होने वाले हामिद अंसारी ने अल्पसंख्यकों पर जो कुछ भी कहा, वह किसी भारतीय के गले उतरने वाला नहीं। आज हिंदू-मुस्लिम जिस भाईचारे की मिसाल बनकर रह रहे हैं, वह सभी को पता है। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में ही यदि नाई, मिस्त्री, पेंटर व अन्य कार्य करने वाले कामगारों की गिनती की जाए, तो ज्यादातर मुसलमान ही मिलेंगे। इनके ग्राहक हिंदू-मुस्लिम दोनों हैं जो दोस्तों की तरह रहते हैं। फिर हामिद अंसारी जी को किसने कह दिया कि मुस्लिम भारत में डरे हुए हैं। सेवाओं से निवृत्त होते समय तो मन खुश करने वाली बातें की जाती हैं, लेकिन उन्होंने उच्च पद की मर्यादा का भी ध्यान न रखा, बल्कि सभी को ठेस पहुंचाने वाला बयान दे दिया। हां, यदि कोई राष्ट्रद्रोही है, आतंकी है, हिंसा भड़काने वाला है तो उसे डरकर ही रहना होगा चाहे वह अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक। भारत का खाकर यदि कोई शख्स पाकिस्तान का पिट्ठू बनेगा, गद्दारी, नमक हरामी करेगा तो उसे कानून व जनता भला कैसे माफ कर देगी।

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