खोजी करियर की फोरेंसिक साइंस
आजकल आपराधिक घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो वह कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है। इन्हीं बारीक साक्ष्यों के सहारे फोरेंसिक एक्सपर्ट विज्ञान के सिद्धांतों और नई तकनीकों का उपयोग करते हुए अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं…
कानून और अपराध के बीच आंख-मिचौनी का खेल हमेशा से चलता रहा है। अपराध और कानून की दौड़ में कभी अपराध आगे, तो कभी कानून पीछे होता है। पर कानून कहीं न कहीं अपराध को पछाड़ ही देता है । नई-नई तकनीकें जिनमें फोरेंसिक साइंस भी एक है, कानून को कारगर बनाने में मदद करती है। आज कल आपराधिक घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, वह कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है। इन्हीं बारीक साक्ष्यों के सहारे फोरेंसिक एक्सपर्ट विज्ञान के सिद्धांतों और नई तकनीकों का उपयोग करते हुए अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। इस के लिए एक्सपर्ट ब्लड, बॉडी फ्ल्यूड, हेयर, फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट और टिश्यू आदि की मदद लेते हैं। कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में भी फोरेंसिक साइंस से संबंधित कोर्स शुरू किए हैं, जो कि कुछ वर्ष पहले तक नहीं थे। इससे यही साबित होता है कि यह कोर्स अब लोकप्रिय होता जा रहा है। आधुनिकता के इस दौर में अपराध बढ़े हैं, तो अपराधियों को पकड़ने के नए तरीके और तकनीक भी ईजाद हुए हैं।
कोर्स में कैसे मिलेगी एंट्री
फोरेंसिक साइंस में एंट्री के लिए साइंस बैकग्राउंड में दस जमा दो पास होना अनिवार्य है। जमा दो साइंस में करने के बाद ही आगे के रास्ते खुलते हैं। यदि साइंस संकाय से दस जमा दो की हुई है, तो फोरेंसिक साइंस में ग्रेजुएशन कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद फोरेंसिक साइंस और क्रिमिनोलॉजी में एक वर्षीय डिप्लोमा भी कर सकते हैं। फोरेंसिक साइंस में मास्टर डिग्री कोर्स करने के लिए स्नातक में फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, बी फार्मा,बीडीएस और एप्लाइड साइंस में किसी एक में 60 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य हैं। इसके अलावा फोरेंसिक स्पेशलिस्ट, जो मरने के बाद पोस्टमार्टम करते हैं, बनने के लिए एमबीबीएस की डिग्री जरूरी है। फोरेंसिक साइंस में एमडी भी कर सकते हैं। फोरेंसिक साइंस में स्पेशल कोर्स करके आप इस क्षेत्र में ऊंचा मुकाम हासिल कर सकते हैं। शैक्षणिक योग्यता बढ़ते ही आपके पद और पगार में बढ़ोतरी होती जाएगी।
वेतनमान
गवर्नमेंट संस्थान में नौकरी मिलने पर इस क्षेत्र में आरंभिक दौर में 20 हजार रुपए प्रतिमाह तक वेतन मिलता है। इस के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी इस जॉब में अच्छा सैलरी पैकेज मिलता है।
बढ़ती लोकप्रियता
फोरेंसिक साइंस एक अप्लाइड साइंस है। अपराधियों का पता लगाने के लिए इस में वैज्ञानिक सिद्धांतों व तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इस कार्य में सहायक होते हैं अपराध स्थल से मिले साक्ष्य। आधुनिकता के साथ अपराध के तरीके बढ़े हैं, तो छानबीन के तरीके भी ईजाद हुए हैं। युवाओं का इस फील्ड के प्रति रुझान बढ़ा है।
क्या हों व्यक्तिगत गुण
इस प्रोफेशन में आने के लिए युवाओं को लीक से हटकर योग्यताएं रखनी होती हैं। युवा ऊर्जा से भरपूर होना चाहिए। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल और विश्लेषणात्मक क्षमता होना जरूरी है। इस फील्ड में जाने का इच्छुक नार्मल लाइफ से हट कर सोचने वाला चाहिए। अच्छी तार्किक सोच रखने और हर पहलू पर बारीकी से विचार करने वाले और अलर्ट माइंड वाले इस करियर में आसानी से एडजस्ट हो सकते हैं।
कहां मिलेगी नौकरी
फोरेंसिक एक्सपर्ट के लिए गवर्नमेंट और प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन में जॉब की अच्छी संभावनाएं हैं। यदि गवर्नमेंट जॉब की बात करें,तो फोरेंसिक साइंटिस्ट के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई), स्टेट पुलिस फोर्स की क्राइम सैल में, केंद्र व राज्य की फोरेंसिक लैब और प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी में जॉब के अच्छे अवसर हैं।
चुनौतियों भरा है करियर
यह प्रोफेशन चुनौतियों भरा है। इसलिए इस करियर में आना है, तो चुनौतियों से निपटना आना चाहिए। किसी केस को निपटाने के लिए कभी-कभी असफलता भी हाथ लगती है, तो ऐसे में धैर्य नहीं खोना चाहिए और उस केस को चुनौती के तौर पर लेना चाहिए। जांच-पड़ताल का क्षेत्र है, तो जाहिर सी बात है कि दोस्त कम होंगे और दुश्मन ज्यादा बन जाएंगे। तो इस बात से भी भयभीत होने की चुनौती भी इस करियर में है। हर स्थिति से निपटने की चुनौती स्वीकार करने वाला ही इसमें सफल होता है।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
* गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
* इंस्टीच्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
* डिपार्टमेंट ऑफ फोरेंसिक साइंस, पंजाब यूनिवर्सिटी
* दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
* डा. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा
* लोकनायक जय प्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, दिल्ली
फोरेंसिक साइंस में स्पेशलाइज्ड कोर्स
इसमें निम्न क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है।
* क्राइम सीन इनवेस्टिगेशन
* फोरेंसिक पैथोलॉजी एंड मेडिसिन
* फोरेंसिक एंथ्रोपोलॉजी
* फोरेंसिक डेंटिस्ट्री
* क्लीनिकल फोरेंसिक मेडिसिन
* फोरेंसिक एंटोमोलाजी
* फोरेंसिक सेरालॉजी
* फोरेंसिक केमिस्ट
* फोरेंसिक इंजीनियर
* टॉक्सिकोलॉजी
प्रमुख कोर्स
* डिप्लोमा इन फोरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी
* बीएससी इन फोरेंसिक साइंस
* पीजी डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी एंड पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन
* एमएससी इन फोरेंसिक साइंस
* एमएससी इन फोरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी
* एमएससी इन साइबर फोरेंसिक एंड इन्फोर्मेशन सिक्योरिटी
* एमए इन क्रिमिनोलॉजी एंड जस्टिस
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