गैंती ने खोली चोरों की पोल

By: Aug 20th, 2017 12:05 am

नेरवा, चौपाल — शिरगुल देवता मंदिर चौपाल में गुरुवार को हुई चोरी के मामले में अप्रवासी नेपालियों की संलिप्तता ने देवभूमि की सुरक्षा को लेकर कई सवालिया निशान खडे़ कर दिए हैं। जिन नेपालियों को पुलिस ने मूर्तियां चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है, उनकी चौपाल थाने में कोई एंट्री नहीं है, जबकि ये काफी समय से चौपाल में डेरा डाले हुए थे व वहां पर पल्लेदारी का कार्य कर रहे थे। पल्लेदारी करते हुए ये लोग लोगों के घरों के अंदर तक पहुंच बना चुके थे, क्योंकि ये लोग गैस सिलेंडर व अन्य सामान लोगों के घरों के घरों तक पहुंचाते थे व कई लोग इनको अपने घरों के अंदर तक लेकर जाते थे। ऐसे में यह किसी बड़ी वारदात को भी अंजाम दे सकते थे। इससे पूर्व भी इस तरह के अप्रवासी प्रदेश में कई गंभीर वारदातों को अंजाम देकर रफूचक्कर हो चुके हैं व पुलिस इनकी पहचान का कोई रिकार्ड न होने के कारण आज तक उन्हें पकड़ नहीं पाई है।  शिरगुल मंदिर चोरी मामले में दो नेपाली पकड़े ही नहीं जाते, यदि इन्होंने चौपाल में ही उस दुकान से खुदाई के लिए गैंती न खरीदी होती, जहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। पुलिस की सजगता की भी दाद देनी होगी कि उसने नई गैंती का अहम सुराग जुटाकर तहकीकात को आगे बढ़ाया और 24 घंटे में ही इस मामले को सुलझा लिया गया। हैरानी इस बात की है कि पुलिस द्वारा बार-बार आग्रह करने के बावजूद न तो ये लोग स्वयं अपनी पहचान स्थानीय थानों में दर्ज करवा रहे हैं और न ही जिनके संपर्क में ये लोग हैं वे या फिर जिनके यहां ये किराए के कमरे लेकर रह रहे हैं अथवा जिनके बागीचों व घरों में ये काम कर रहे हैं वे भी इनकी पहचान थाने में दर्ज करवाना जरूरी नहीं समझ रहे हैं।

लोग दर्ज करवाएं नेपालियों के नाम

डीएसपी चौपाल संतोष शर्मा ने बताया कि पुलिस द्वारा ऐसे लोगों को अपनी पहचान संबंधित थाने में दर्ज करवाने को बार-बार कहा जा रहा है। बावजूद इसके ये लोग अपनी पहचान थाने में दर्ज नहीं करवा रहे हैं। यदि कोई स्थानीय व्यक्ति ऐसे लोगों की पहचान छिपाता है, तो वारदात होने की स्थिति में वह भी उतना ही कसूरवार माना जाता है, जितना वारदात को अंजाम देने वाला।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App