छोटी उम्र में बड़ा मुकाम

By: Aug 13th, 2017 12:10 am

newsअगर इनसान प्रेरणा लेकर परिश्रम करे, तो सफलता हासिल करने में कठिनाइयां भी सरल लगती है। वहीं लक्ष्य हासिल करने के लिए निरंतर आगे बढ़ना आसान हो जाता है। कुछ ऐसी ही प्रेरणा लेकर सराज विस क्षेत्र की थरजूण पंचायत की 23 वर्षीय प्रधान जबना चौहान ने हासिल की है। जबना अपने परिजनों व भाई अमर सिंह की मेहनत से प्ररेणा लेकर आगे बढ़ी है। जबना ने पंचायत प्रधान बनते ही एक वर्ष की समय अवधि में स्वच्छता में जिला में प्रथम पुरस्कार हासिल किया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह सम्मान मंडी में आयोजित मंडी विकास अभियान के समारोह के दौरान प्रदान किया। वहीं बेस्ट प्रधान के पुरस्कार के सम्मान से भी उसे मुख्यमंत्री  सम्मानित कर चुके हैं।  इतना ही नहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में जबना चौहान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दौरान गुजरात के गांधीनगर में  स्वच्छता व शराबबंदी का पाठ पढ़ा चुकी हैं। इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस समारोह में जबना को जहां प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, वहीं जबना ने अपनी पंचायत के विकास कार्यों से भी महिला सरपंचों को अवगत करवाया, साथ ही नशे के खिलाफ  चलाई गई मुहिम के बारे में भी चर्चा की। इसके अलावा जबना  ने अपनी पंचायत में पंचायत की महिलाओं व युवाओं को विश्वास में लेकर शराबवंदी कर नशे के खिलाफ  एक नई पहल की। इसके लिए जबना  ने एक विशेष व्हाट्स ऐप्प ग्रुप बनाया जिसमें पंचायत के युवाओं व महिलाओं को जोड़कर इनसे चर्चा कर शराबबंदी कर पंचायत में सार्वजनिक स्थानों पर शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया। इसके लिए पंचायत की ग्राम सभा में बाकायदा प्रस्ताव पारित कर पंचायत में सार्वजनिक स्थानों पर शराब व सिगरेट पीने और जुआ खेलने पर पांच-पांच हजार रुपए जुर्माना लगाने का फरमान जारी किया। इस मुहिम को उस समय जोरदार समर्थन मिला, जब पंचायत में मौजूद क्षेत्र की प्रसिद्ध एवं प्राचीन देवी माता लबोदरी के मंदिर में मंदिर कमेटी द्वारा पंचायत की ग्राम सभा में माता को पूजा के दौरान शराब की धार की जगह घी चढ़ाने का निर्णय लिया गया, साथ ही शादी विवाह व समारोह के दौरान शराब परोसने पर आयोजकों को दस-दस हजार रुपए जुर्माना करने का प्रस्ताव पारित किया गया। शराबबंदी के इस फैसले को लेकर अंतरराष्ट्रीय शिवरात्री महोत्सव के दौरान महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जबना चौहान की मंच से सराहना कर सम्मानित  किया गया। इसके अलावा पंचायत में सराहनीय कार्य करने पर जिला रेडक्रॉस मेले के दौरान रेडक्रॉस सोसायटी की उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने जबना चौहान को सम्मानित किया। वहीं जबना को मानव सेवा ट्रस्ट, सामाजिक जागरण मंच और नाचन जन कल्याण समिति सहित जिला की कई समाजसेवी संस्थाएं भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी सम्मानित कर चुकी हैं। इसके अलावा जबना को चंडीगढ़ में हिंदुस्तान टाइम्ज की ओर से आयोजित 30 यूथ अचीवर समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने युवा प्रधान के नाते पंचायत में सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया। वहीं जबना ने एक साल के अंदर थरजूण पंचायत को बीमा पंचायत बनाया है। अपनी पंचायत के मझार गांव को प्रदेश का पहला बीमा गांव बनाया है।

मुलाकात

हौसले बुलंद हों तो मंजिल मिल ही जाती है…

राजनीति में आने की वजह या महत्त्वाकांक्षा क्या रही?

newsराजनीति न तो मेरा क्षेत्र है और न ही मेरी रुचि है। मैं पंचायत में समाज सेवा की भावना से आई हूं। क्योंकि हमारे देश में लोकतांत्रिक प्रणाली है जिसमें पंचायत अपने आप में एक मिनी संसद होती है, जहां हम अपने गांव व समाज का उत्थान कर सकते हैं । मेरी रुचि समाज सेवा में थी और मैं अपने गांव का उत्थान करवाना चाहती थी इसलिए पंचायत में आई हूं ।

जो हासिल किया, उसमें खुद को कहां तक सफल मानती हैं ?

मुझे मात्र डेढ़ साल की अवधि में जो सम्मान प्राप्त हुआ, वह मेरे लिए गौरव की बात है । जहां तक सफलता की बात है, तो मैं अपने कार्य में काफी हद तक सफल हुई हूं।

कोई तो आदर्श रहा होगा?

अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा में समर्पित करने वाले मेरे अंकल रमेश यादव, जिन्होंने मुझे पढ़ाया – लिखाया और इस मुकाम तक पहुंचाने में मेरी मदद की । साथ ही मेरे प्रेरणा स्रात उपायुक्त मंडी संदीप कदम जी हैं । जिन्होंने स्वच्छता सहित कई अभियान चलाकर मंडी जिला का नाम देश भर में रोशन किया है ।

स्वच्छता अभियान की अब तक की उपलब्धियां?

मेरी पंचायत के लोगों ने मेरा हर कार्य में साथ दिया है । स्वच्छता अभियान की बात की जाए, तो हमारी पंचायत स्वच्छता अभियान में प्रथम स्थान पर रही है ।

कितना कठिन है किसी अभियान को चलाना?

 बहुत कठिन है किसी भी अभियान को चलाना और उसे ऊंचाइयों पर पहुंचाना । बेहद कठिन है मगर समाज की सहमति से लक्ष्यों को आसानी से हासिल किया जा सकता है ।

 शराबबंदी को कैसे लागू कर पाईं ?

 आज के समय में यह एक बड़ी चुनौती का कार्य है । मगर मैंने पंचायतवासियों का विश्वास जीत कर अपनी पंचायत में पूर्ण रूप से शराबबंदी करवाई है। इसमें महिलाओं और युवाओं का सहयोग मुझे मिला है ।

 भविष्य में क्या योजनाएं हैं ?

अभी मुझे अपनी पंचायत के लिए बहुत कुछ करना है। मेरी पंचायत में सिंचाई सुविधा नहीं है। मैं योजना बना रही हूं और जल्द ही  पंचायत में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने की कोशिश करूंगी। साथ ही उच्च शिक्षा दिलवाने के लिए ग्रामवासियों को प्रेरित करूंगी।

 क्या सियासत में महिला बिना बंधन मजबूत हो सकती है ? या वह पुरुष की प्रतिछाया में ही स्वीकृत है।

बेशक हमारा समाज पुरुष प्रधान है, मगर ऐसा नहीं है कि महिलाएं पुरुषों के सहारे के बिना चल नहीं सकती हैं। आज महिलाएं मेहनत और लगन से दिन- प्रतिदिन आगे बढ़ रही हैं और पुरुषों के मुकाबले कार्य करके उदाहरण पेश कर रही हैं ।

कठिन हौसलों की परीक्षा में उतरने के लिए अपनी तैयारी और मनोबल को कैसे आंकती हैं?

जब हम समाज के लिए कुछ करने की सोचते हैं तो कठिनाइयां तो रहती ही हैं, लेकिन हौसले बुलंद हों तो मंजिल मिल ही जाती है । मैं समाज के लिए कुछ करने की ठान लेती हूं, तो मैं पूरे दमखम के  साथ उस कार्य को करने का प्रयास करती हूं।

आपकी सबसे बड़ी चुनौती और राहत?

अब तक मेरे जीवन में नशाबंदी ही सबसे बड़ी चुनौती रही है। बड़ा मुश्किल था गांव से नशाबंदी के खिलाफ जाना, पर मेरी बात को गांववालों ने समझा और मेरा साथ दिया।

पंचायती धु्रव के बाहर जबना जब निपट अकेली होती हैं, तो सामान्य जीवन में उसकी पसंद। जब एक युवती के रूप में सोचती हैं, तो जीवन की उमंगें कहां तक और किस तरह लहरा कर आमंत्रित करती हैं?

मैं शुरू से ही समाज सेवा और महिलाओं के अधिकारों के बारे में सोचती रहती थी। तभी मैंने पंचायत चुनाव जीते  और एक युवती  की तरह भी मैं अपने गांव से गरीबी और महिलाओं के अधिकारों के बारे में सोचती रहती हूं। और जब कुछ पल फुर्सत के हों, तो अपने दोस्तों के साथ बिता लेती हूं।

-अजय रांगड़ा,मंडी

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