नाभि खिसकने के कारण और उपाय

By: Aug 13th, 2017 12:05 am

एक रोग है नाभि का खिसकना, जिसे आम लोगों की भाषा में धरण गिरना या फिर गोला खिसकना भी कहते हैं। यह एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से पेट में दर्द होता है। रोगी को समझ में भी नहीं आता कि यह दर्द किस वजह से हो रहा है, पेट दर्द की दवा लेने के बाद भी यह दर्द खत्म नहीं होता। और केवल दर्द ही नहीं, कई बार नाभि खिसकने से दस्त भी लग जाते हैं।

महिलाओं में सबसे अधिक

वैसे तो यह परेशानी किसी को भी हो सकती है, लेकिन आमतौर पर नाभि खिसकने की परेशानी महिलाओं में सबसे अधिक पाई गई है। हर दूसरी महिला को यह परेशानी होना आम पाया गया है, लेकिन यह परेशानी क्यों होती है और किन परिस्थितियों में जन्म लेती है, इसके भी अनेक कारण हैं। इसका जवाब ‘योग’ प्रणाली में शामिल है। योग में नाडि़यों की संख्या बहत्तर हजार से ज्यादा बताई गई है।

एक सवाल उठता है कि कैसे पहचानें कि नाभि ही अपने स्थान से खिसक गई है। क्योंकि पेट दर्द होना आम बात है, कुछ गलत आहार लेने से या फिर अन्य समस्याओं से भी पेट दर्द हो सकता है। इसके अलावा दस्त लगना भी कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है। किंतु यह कैसे पहचाना जाए कि किसी व्यक्ति विशेष की परेशानी का कारण नाभि खिसकना ही है।

 नाभि खिसक गई है या नहीं, यह हमारे पांव की मदद से भी जाना जा सकता है। इसके लिए पीठ के बल लेट जाएं, दोनों पैरों को 10 डिग्री एंगल पर जोड़ें। ऐसा करने पर यदि आपको दोनों पैर की लंबाई में अंतर दिखे, यानी कि एक पांव दूसरे से बड़ा है तो यकीनन नाभि टली हुई हैं।

इस बात से परहेज करें

एक और आखिरी बात, जिसका खास ख्याल रखने की जरूरत है। जब पता चल जाए कि नाभि खिसकने जैसी दिक्कत हो गई है, तो कुछ इस बात का परहेज करना चाहिए। जैसे कि गलती से भी भारी वजन न उठाएं। यदि मजबूरी में उठाना भी पड़े तो उसे झटके से न उठाएं।

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