फार्मूलों की जानकारी ही सफलता का सूत्र

By: Aug 2nd, 2017 12:07 am

फार्मूलों की जानकारी ही सफलता का सूत्रडा. पीएल शर्मा

गणित विभाग, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी, शिमला

गणित में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने पीएल शर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

गणित विषय क्या है, इसे कैसे परिभाषित करेंगे ?

गणित ऐसी विधाओं का समूह है जिसमें संख्याओं, मात्राओं, परिणामों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों में गुण स्वभाव का अध्ययन किया जाता है। अगर गणित विषय को परिभाषित करना हो तो इसके लिए हम किसी तय परिभाषा पर नहीं जा सकते है। बस इतना कहा जा सकता है गणित हमारे दैनिक जीवन का मूलाधार है। जिसका एक उदाहरण यह है कि गणित एक ऐसी भाषा है जिसे सीखने की जरूरत नहीं होती है यह हमारे अंदर इनबिल्ट होता है। एक छोटे बच्चे को जिसे किसी बात का ज्ञान नहीं है उसे भी गणित का ज्ञान होता है। अगर हम उसके सामने खाने की किसी चीज को कम ज्यादा रखेंगे तो बच्चा ज्यादा वस्तु की तरफ ही आकर्षित होगा। जबकि उसे न तो किसी भाषा का ज्ञान है और न ही संख्या का।

गणित का आज के समय में क्या महत्त्व है?

गणित विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। भौतिकी, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान आदि गणित के बिना नहीं समझे जा सकते। वास्तव में गणित की अनेक शाखाओं का विकास ही इसलिए किया गया कि प्राकृतिक विज्ञान में इसकी आवश्यकता आ पड़ी थी। कुछ हद तक हम सब के सब गणितज्ञ हैं। अपने दैनिक जीवन में रोजाना ही हम गणित का इस्तेमाल करते हैं। हमारी दैनिक दिनचर्या से लेकर हमसे जुडे़ हर कार्य में गणित का महत्त्व है और यह महत्त्व दिन-ब- दिन बढ़ता ही जा रहा है।

इस फील्ड में करियर की क्या संभावनाएं हैं?

बैंकिंग, अकाउंटेंट, ग्राहक सेवा, कैश हैंडलिंग, खाता खोलने, बचत खाते और ऋण प्रोसेसिंग के साथ वित्त और लेखा संबंधी जानकारी हेतु चार्टर्ड अकाउंटेंट भी बन सकते हैं। इसके अलावा आप गणित संबंधी किसी विषय शोध द्वारा गणितज्ञ के रूप में कार्य कर सकते हैं। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को भी गणितज्ञ कहते हैं।

मैथेमेटिक्स में करियर बनाने के लिए आरंभिक शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?

मैथेमेटिक्स में करियर बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि छात्र का 10वीं तक के गणित का बेहतर ज्ञान हो। इसके बाद छात्र जमा दो स्तर पर नॉन मेडिकल या गणित विषय की पढ़ाई कर गणित विषय में करियर बनाने के लिए तैयार हो सकता है।

कहीं जॉब मिलने पर आरंभिक वेतनमान कितना होता है?

एक अध्यापक लगभग 20 से 25 हजार वेतन पा रहा है और कालेज प्रवक्ता 40 से 50 हजार तक । दूसरे क्षेत्रों में वेतनमान टेलेंट, परिश्रम और अनुभव के आधार पर मिल रहा है।

इस क्षेत्र आने वाले छात्रों के समक्ष क्या चुनौतियां है?

गणित विषय को पढ़ने के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि छात्र 10वीं तक गणित विषय को लेकर अपने अंदर जो भी भय है उसे निकाल कर इस विषय को सरल और सहज समझते हुए इसका अध्ययन करें। यदि आप ऐसे क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं तो गणितीय क्षमता को विकसित करने के लिए गणित के माइनर से माइनर प्वाइंट को समझना होगा। यदि मैथ के फार्मूलों पर आपका अधिकार हो गया तो निस्संदेह चोटी की सफलता अर्जित तो करेंगे ही, साथ ही गणित के स्टूडेंट्स को कुछ नया देने में सक्षम होंगे।

इस करियर में आने वालों के लिए आपका संदेश क्या है?

अगर छात्र अपने विषयों को पढ़ने में हार्डवर्क और दृढ़ इच्छाशक्ति रखेगा तभी वह किसी भी विषय को आसानी से समझने में और उस विषय में अपना लक्ष्य निर्धारित करने में कामयाब होगा।

– भावना शर्मा, शिमला

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