फेफड़े का संक्रमण क्या है

By: Aug 19th, 2017 12:05 am

फेफेड़े हमारे शरीर के मुख्य अंग होते हैं, जो हमारे शरीर में अहम रोल अदा करते हैं। क्योंकि जीवत रहने के लिए सांस लेना बहुत जरूरी होता है और इसके लिए हमारे फेफड़ों का सेहतमंद होना बहुत जरूरी है। आजकल की जीवनशैली और खान-पान के कारण फेफेड़ों में संक्रमण होना आम बात है, लेकिन इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।

बुखार – फेफड़े के संक्रमण का संकेत सामान्य शारीरिक तापमान का जरूरत से ज्यादा बढ़ना भी है। आमतौर पर सामान्य रूप में यह तापमान 98.6 डिग्री है। अगर तापमान इसकी तुलना में अधिक है, तो इसका अर्थ है कि आपके फेफड़े में संक्रमण हो सकता है। फेफड़ें के कैंसर में टिश्यू की असामान्य वृद्धि होती है, जो सबसे अधिक प्रभाव डालती है और पूरे फेफड़े के ऊतकों में फैल जाती है। फेफड़े के संक्रमण को व्यापक रूप से स्माल सैल लंग कैंसर और नॉन स्माल सैल लंग कैंसर में वर्गीकृत किया जा सकता है। बाद के प्रकार को एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सैल और लार्ज सैल वैरायटीज में वर्गीकृत किया जाता है। एससीएलसी और एनएससीएलसी के बीच के अंतर को हम इस प्रकार बता सकते है। एससीएलसी होते ही इसके व्यापक रूप से फैलने की प्रवृत्ति होती है इसलिए इसके उपचार में कीमोथैरेपी का इस्तेमाल ही मुख्य आधार है। दूसरी तरफ  एनएससीएलसी होने पर यह फेफड़े तक ही स्थानीकृत रहता है इसलिए इसके उपचार में रेडिएशन थैरेपी के साथ अथवा इसके बिना सर्जिकल रीसेशन का प्रयोग ही मुख्य आधार है। फेफड़े के कैंसर के प्रत्येक प्रकार का अपना खास लक्षण होता है और अभी हाल के दिनों में आनुवंशिक लक्षणों के विकास से यह आशा जगी है कि आने वाले समय में नई उपचार प्रणालियों के विकास से इस रोग से पीडि़त लोगों को बेहतर लाभ प्राप्त हो सकेगा। फेफड़े का संक्रमण एक प्रकार का कैंसर भी हो सकता  है। अन्य कैंसरों की तरह ही फेफड़ों का एडेनोकार्सिनोमा भी असामान्य कोशिकाओं के विकास के कारण होता है। ये कैंसरग्रस्त कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। ट्यूमर जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे यह फेफड़े के हिस्सों को नष्ट करता चला जाता है। इस प्रकार से ट्यूमर की असामान्य कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं, इससे चेस्ट के लोकल लिंक नोड्स, चेस्ट का केंद्रीय भाग, लिवर, हड्डियां, एड्रेनल ग्रंथि तथा अन्य अंग जैसे ब्रेन विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं।  एडेनोकार्सिनोमा फेफड़े के कैंसर का अत्यंत सामान्य रूप है। यह कैंसर ज्यादातर धूम्रपान करने वाले लोगों में पाया जाता है। यद्यपि इसका लक्षण धूम्रपान न करने वाले लोगों में भी काफी प्रकट होने लगा है। यह महिलाओं एवं 45 वर्ष से कम आयु वाले लोगों में पाए जाने वाले फेफड़े के कैंसर का सबसे प्रचलित रूप है। धूम्रपान करने वाले लोगों में धूम्रपान न करने वाले लोगों की अपेक्षा फेफड़े के कैंसर की संभावना लगभग 13 गुना अधिक होती है। धूम्रपान फेफड़े के कैंसर का अग्रणी रिस्क फैक्टर है।

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