मांगें पूरी होने तक किसी को नहीं पढ़ाएंगे

By: Aug 9th, 2017 12:01 am

विश्वविद्यालय प्रबंधन से बैठक में भी नहीं सुलझा शोध अधिकारियों का विवाद

शिमला  — हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एकीकृत हिमालयन शोध संस्थान में शोध अधिकारियों का मामला विश्वविद्यालय प्रबंधन नहीं सुलझा पाया है। मंगलवार को कुलपति राजेंद्र चौहान ने शोध अधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन एक घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही। शोध अधिकारियों को कुलपति द्वारा जल्द उनकी मांगें पूरा करने का आश्वासन दिया, लेकिन शोध अधिकारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तक तक उन्होंने शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं देने से साफ इनकार किया। शोध अधिकारी शिक्षक पदनाम सहित आईआईएचएस में विभागाध्यक्ष की नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं। शोध अधिकारियों का कहना है कि विवि ने एकीकृत हिमालयन संस्थान को इंटर डिसिप्लिनरी विभाग तो बना दिया है, लेकिन न तो विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है और न अन्य विभागों की तरह कोई सुविधाएं दी जा रही हैं। उनका कहना है कि शोध अधिकारियों को छह माह पूर्व शिक्षक का दर्जा कार्यकारिणी परिषद में दे दिया गया, लेकिन पदनाम अभी तक नहीं दिया जा रहा है। शोध अधिकारी संजीव शर्मा और बलदेव नेगी का कहना है कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने उन्हें मंगलवार को बैठक के लिए बुलाया था और कुलपति उन्हें मांगें पूरी करने का आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक वे शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं नही देंगे। गौर हो कि इस विभाग में विवि की ओर से चार कोर्सेज चलाए गए हैं। इन सभी कोर्सेज में इस सत्र की प्रवेश प्रक्रिया को मिलाकर छात्रों की संख्या 194 के करीब हैं। विभाग में नए सत्र को प्रवेश प्रक्रिया सभी सबसिडाइज्ड और नॉन सबसिडाइज्ड सीटों के लिए करवा दी गई है। विभाग में तीसरे सेमेस्टर की कक्षाएं अभी चल रही हैं। वहीं तीसरे सेमेस्टर और इस नए सत्र में पहले सेमेस्टर में अब जब छात्रों की कक्षाएं शुरू हो रही हैं, तो उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक ही विभाग में नहीं हैं। विभाग में चल रहे कोर्सेज में एमबीए रूरल डिवेलपमेंट, एमएससी ईवीएस में तय सीटों में से अधिक सीटें पेड रखी गई हैं।

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