मां का कलेजा चीर रहीं बेटे की सिसकियां

By: Aug 20th, 2017 12:03 am

दिल का दर्द जाने कौन…

newsगरली— ट्रेन हादसे में अपाहिज हो चुके 14 साल के आयूष ठाकुर की जिंदगी पर बन आई है। माता-पिता ने जीवनभर की जमा पूंजी और जेवरात बेचकर जैसे-तैसे जान बचा ली, लेकिन नसें कटने से डेड हो चुकी उसकी बाजू को फिर से हरकत में लाने के लिए लाखों रुपए का जो खर्च डाक्टरों ने बताया है, वह वहन कर पाना अब उनके बस में नहीं है। ऊपर से डाक्टरों ने एक महीने की डेडलाइन आपरेशन के लिए दे दी है। अगर अब आपरेशन नहीं हुआ तो मासूम जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाएगा। ऐसी दुख की घड़ी में हमेशा से मददगार साबित होते रहे ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं। जिला ऊना के गांव सूरी में मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण कर रहे सुरेंद्र कुमार का इकलौता बेटा आयूष ठाकुर दो साल पहले एक ट्रेन हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गया था। हादसे में उसकी जान तो बच गई, लेकिन बायीं बाजू व टांग बुरी तरह फ्रैक्चर हो गई। अब आयूष का उपचार चंडीगढ़ पीजीआई में चल रहा है। उपचार कर रहे ऑर्थो के डा. रजित व सर्जरी के डा. सुनील गाबा का कहना है कि आयूष की बायीं बाजू की तीन नसें ऊपर से कट चुकी हैं, जिस कारण इसका हाथ व अंगुलियां काम नहीं कर पातीं। चंडीगढ़ पीजीआई अस्पताल में आयूष का उपचार कर रहे प्लास्टिक सर्जरी के एमएस डा. सुनील गाबा ने बताया कि इसकी बायीं बाजू की आंत का आपरेशन ही करना पड़ेगा, तभी यह ठीक हो पाएगा इससे पुनः इसकी बाजू हरकत करने लगेगी। इस उपचार पर डाक्टरों ने करीब पांच लाख रुपए का खर्च बताया है। आयूष की मां सोनिया का कहना है कि हादसे के बाद आज तक आयूष के चंडीगढ़ पीजीआई में तीन बड़े आपरेशन करवाए जा चुके हैं, लेकिन अब इसकी टांग तो लगभग 80 प्रतिशत ठीक हो चुकी है, लेकिन बाजू की जो तीन नसें कट चुकी हैं, उनके अलग-अलग तीन आपरेशन अभी डाक्टरों ने और बताए हैं। आज तक मैं बेटे के उपचार पर छह लाख लगा चुकी हूं, लेकिन अब इतनी बड़ी रकम का कोई भी बंदोबस्त न होने के कारण लाचार बेटे का दर्द नहीं सहा जा रहा। पीजीआई के डाकटरों ने 18 अगस्त को आपरेशन के लिए बुलाया है, लेकिन पैसों का कोई भी बंदोबस्त नहीं हुआ है। अब पीडि़त सोनिया को उम्मीद है तो सिर्फ ‘दिव्य हिमाचल’ परिवार से जुड़े दानवीरों से।

25 को होना है आपरेशन

पीजीआई के डाक्टरों ने शुक्रवार को आयूष को बुलाया था। आपरेशन करने हेतु तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स तैयार हो गई हैं। 25 अगस्त शुक्रवार को उसे पुनः पीजीआई चंडीगढ़ आने को कहा है। यह जानकारी पीडि़त आयूष ठाकुर की मां सोनिया ने दी।

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