मैं फिल्म की कहानी को तवज्जो देती हूं

By: Aug 13th, 2017 12:09 am

newsबॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा का कहना है कि इम्तियाज अली के साथ काम  करने की उनकी इच्छा काफी समय से थी, जो ‘जब हैरी मेट सेजल’ के साथ पूरी हो गई। अनुष्का का मानना है कि समय के साथ-साथ स्टारडम के भी मायने बदल गए हैं। अब पहले जैसा स्टारडम नहीं रहा, जो अमिताभ बच्चन जैसे कलाकारों के दौर में रहा है। जिस तरह की शोहरत अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान ने हासिल की है, वैसी शोहरत अब हासिल नहीं की जा सकती…

फिल्मों में आना कितना आसान?

महज 25 साल की उम्र में फिल्म मेकिंग की कमान संभाल चुकीं अनुष्का चाहती हैं कि अधिक से अधिक महिलाओं को निर्देशन और फिल्म मेकिंग में आना चाहिए। वह कहती हैं कि फिल्म बनाने के क्षेत्र में हाथ आजमाने की वजह से वह बेहतर अभिनय कर पाने में सक्षम हुई हैं, क्योंकि इससे निर्देशकों की मेहनत और उनके जज्बे को बेहतर तरीके से समझ पाई हैं। इम्तियाज अली जैसे मंझे हुए निर्देशक के निर्देशन में काम करने के अनुभव के बारे में पूछने पर अनुष्का कहती हैं, मैं लंबे समय से इम्तियाज के साथ काम करना चाहती थी। उनकी फिल्में हमेशा ही पसंद की जाती रही हैं और मेरी तमन्ना थी कि कभी उनकी किसी फिल्म का हिस्सा बनूं। महिला कलाकार का किरदार काफी सशक्त होता है।

क्या देख कर फिल्म साइन करती हैं?

अनुष्का ने फिल्में चुनने के बारे में अपनी राय शेयर करते हुए कहा, मैं फिल्म की कहानी को अधिक तवज्जो देती हूं, उसके बाद निर्देशक भी मेरे लिए उतना ही मायने रखता है।  उससे संतुष्ट होने के बाद ही फिल्म साइन करती हूं। आप मेरे अब तक के करियर को देखकर इसका अनुमान लगा सकते हैं कि मैंने लगभग 10 वर्षों में सिर्फ 15 फिल्में ही की हैं। अब स्टारडम का मतलब बदल गया है, जिस तरह से शाहरुख को किंग ऑफ  रोमांस और अमिताभ बच्चन को एंग्री यंगमैन जैसे टैग मिले हैं, वैसा अब बहुत मुश्किल है। हालांकि, मुझे किसी खास तरह का कोई टैग नहीं चाहिए। अनुष्का ने ‘रब ने बना दी जोड़ी’ और ‘जब तक है जान’ के बाद तीसरी बार शाहरुख के साथ काम किया है। शाहरुख के साथ अपनी जोड़ी के बारे में पूछने पर कहती हैं, शाहरुख के साथ काम करना हमेशा ही खास रहा है। शाहरुख के साथ कन्फर्ट का स्तर बहुत ज्यादा है। मैं उन्हें अपना एक सहकलाकार मानकर काम करती हूं ।

महज 25 की उम्र में ‘एनएच-10’ से प्रोडक्शन के क्षेत्र में हाथ आजमा चुकीं अनुष्का इतनी कम उम्र में इस क्षेत्र से जुड़ने के फैसले के बारे में पूछने पर कहती हैं, मैंने काफी सोच-समझकर वह फैसला लिया था। तब मेरी उम्र सिर्फ 25 साल थी और हमने ‘एनएच- 10’ बनाई थी। उस फैसले का मेरी जिंदगी पर खासा सकारात्मक असर पड़ा है। अब मैं फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों की मेहनत और उनके जज्बे को बेहतर तरीके से समझ पाई हूं। मैं चाहती हूं कि अधिक से अधिक महिलाओं को फिल्म निर्देशन और निर्माण से जुड़ना चाहिए। फिलहाल, बहुत कम महिलाएं इससे जुड़ी हुई हैं।

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