शरद यादव की छुट्टी

By: Aug 13th, 2017 12:06 am

नीतीश ने राज्यसभा में जदयू नेता के पद से हटाए

newsनई दिल्ली— जनता दल (यू) ने राज्यसभा सदस्य अली अनवर को पार्टी के संसदीय दल से निलंबित करने के एक दिन बाद शनिवार को वरिष्ठ नेता शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाकर उनकी जगह आरसीपी सिंह को नियुक्त कर दिया है। जदयू की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि श्री आरसीपी सिंह को राज्यसभा में पार्टी का नेता बनाया गया है। उन्होंने कहा कि शरद यादव की मौजूदा गतिविधियों को देखते हुए ऐसा करना जरूरी हो गया था। उधर, नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए शरद यादव ने कहा कि जदयू केवल नीतीश की ही पार्टी नहीं है, यह मेरी भी पार्टी है। गौर हो कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने शनिवार सुबह दस बजे राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर पार्टी की ओर से इस संबंध में पत्र सौंपा है। जदयू अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में महागठबंधन से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी से मिलकर सरकार बनाने के बाद से ही श्री यादव उनके खिलाफ बयान दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है। नीतीश कुमार ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले श्री यादव के खिलाफ कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा था कि श्री यादव अपना फैसला लेने के लिए आजाद हैं। वह अपनी राह चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। वह किसके प्रति वफादार रहना चाहते हैं, इसका फैसला खुद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन का फैसला पूरी पार्टी की सहमति से लिया गया है। उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आरसीपी सिंह 2010 में प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर जदयू में शामिल हो गए थे। वह श्री कुमार के करीबी माने जाते हैं। श्री अनवर शुक्रवार को विपक्ष की एकजुटता के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा यहां बुलाई बैठक में शामिल हुए थे, जबकि पार्टी ने उन्हें इसके लिए अधिकृत नहीं किया था। इसके बाद शुक्रवार रात को ही उन्हें पार्टी के संसदीय दल की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले शरद यादव खेमे के माने जाने वाले पार्टी महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव को भी महासचिव पद से हटा दिया गया था। पार्टी का कहना है कि श्रीवास्तव ने गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए अनधिकृत रूप से पर्यवेक्षक नियुक्त किया था, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। उधर, शरद यादव ने वर्तमान समय को अपने राजनीतिक जीवन का चुनौतीपूर्ण समय बताया और कहा कि अब तो यह देखना है कि मंजिल किसे मिलती है। श्री यादव ने लोक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर उन पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि इस समय बिहार में दो जनता दल हैं, एक सरकारी जनता दल और दूसरा आम जनता का जनता दल। शरद का इशारा नीतीश कुमार और उनका साथ देने वाले लोगों के लिए ‘सरकारी जनता दल’ जबकि उनके साथ चल रहे लोगों को ‘जनता का जनता दल’ की तरफ था। उन्होंने कहा कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण है और देखना है, मंजिल किसे मिलती है। सांसद ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यक्रम में शामिल होने से पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को रोका जा रहा है और उन्हें पार्टी से निकालने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि कितने को निकालोगे। निकालते-निकालते थक जाओगे, उम्र खत्म हो जाएगी, लेकिन जनता अपना पुरुषार्थ दिखा कर फिर लड़ेगी। उन्होंने इस तरह की धमकी देने वाले नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं महागठबंधन से पार्टी के अलग होने के फैसले से दुखी हूं और इस मुद्दे पर अकेले ही जनता के पास जाऊंगा।

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