हफ्ते का खास दिन

By: Aug 13th, 2017 12:05 am

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस  ऐसा दिन है जब हम अपने महान राष्ट्रीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने विदेशी नियंत्रण से भारत को आजाद कराने के लिए अनेक बलिदान दिए और अपने जीवन न्यौछावर कर दिए। 15 अगस्त 1947 को भारत के निवासियों ने लाखों कुर्बानियां देकर ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह राष्ट्रीय पर्व भारत के गौरव का प्रतीक है।

इसी महान दिन की याद में भारत के प्रधानमंत्री प्रत्येक वर्ष लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर देश को संबोधित करते हैं। सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महायज्ञ का प्रारंभ महर्षि दयानंद सरस्वती ने प्रारंभ किया और अपने प्राणों को भारत माता पर मंगल पांडे ने न्यौछावर किया और देखते ही देखते यह चिंगारी एक महासंग्राम में बदल गई। जिसमें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहेब, सरफरोशी की तमन्ना लिए रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि देश के लिए शहीद हो गए। तिलक ने स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है का सिंहनाद किया और सुभाष चंद्र बोस ने कहा-तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दुंगा। अहिंसा और असहयोग लेकर महात्मा गांधी और गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए लौह पुरुष सरदार पटेल जैसे महापुरुषों ने कमर कस ली। 90 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता का वरदान मिला। भारत की आजादी का संग्राम बल से नहीं वरन सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के आधार पर विजित की गई। इतिहास में स्वतंत्रता के संघर्ष का एक अनोखा और अनूठा अभियान था, जिसे विश्व भर में प्रशंसा मिली।  यह ऐसा दिन है जब हम अपने महान राष्ट्रीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने विदेशी नियंत्रण से भारत को आजाद कराने के लिए अनेक बलिदान दिए और अपने जीवन न्यौछावर कर दिए। 15 अगस्त, 1947 को भारत के निवासियों ने लाखों कुर्बानियां देकर ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह राष्ट्रीय पर्व भारत के गौरव का प्रतीक है। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त, को सरकारी बिल्डिंगों पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है तथा रशनी की जाती है। प्रधानमंत्री प्रातः 7 बजे लाल किले पर झंडा लहराते हैं और अपने देशवासियों को अपने देश की नीति पर भाषण देते हैं।

हजारों लोग उनका भाषण सुनने के लिए लाल किले पर जाते हैं। स्कूलों में भी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है और बच्चों में मिठाइयां भी बांटी जाती हैं। 14 अगस्त को रात्रि 8 बजे राष्ट्रपति अपने देशवासियों को संदेश देते हैं, जिसका रेडियो तथा टेलीविन पर प्रसारण किया जाता है।

‘अहिंसा’ और ‘असहयोग’ लेकर महात्मा गांधी और गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए ‘लौह पुरुष’ सरदार पटेल जैसे महापुरुषों ने कमर कस ली।  जून, 1757 ई. को भारत में जो अंग्रेजी राज्य स्थापित हुआ था वह 23 जून, 1857 ई. तक समाप्त हो जाएगा।

यह भविष्यवाणी सारे देश में फैल गई और लोगों में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए जोश की लहर दौड़ गई। इसके अतिरिक्त 1856 ई.  में लार्ड कैनिंग ने सामान्य भर्ती कानून पास किया। जिसके अनुसार भारतीय सैनिकों को यह लिखकर देना होता था कि सरकार जहां कहीं भी उन्हें युद्ध करने के लिए भेजेगी वह वहीं पर चले जाएंगे।

 झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई तथा उनके सैनिकों ने स्थानीय दुर्ग में अंग्रेजों का डट कर मुकाबला किया। यह एक राष्ट्रीय विद्रोह था, जिसका उद्देश्य स्तंत्रता प्राप्त करना था।

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