अंतरराष्ट्रीय फलक पर नाटी को पहचान दिलाते राठी

By: Sep 13th, 2017 12:07 am

NEWSठाकुर दास राठी की पहचान आज गीतों-संगीत के माध्यम से काफी आगे पहुंची है। राठी ने अपने पिता स्वर्गीय ख्याल चंद राठी से गीत गाने की कला सीखी है। जब राठी के पिता गांव में कीर्तन में भजन गाते थे, तो उनको देखकर ही राठी में गाने का शौक पैदा हुआ। वह बचपन से अपने पिता के साथ कीर्तन में जाते थे…

हिमाचली गीतों के सरताज और किंग ऑफ नाटी ठाकुरदास राठी की हिमाचली कलाकारों में अलग पहचान है। राठी के गीत-संगीत से कुल्लू नहीं बल्कि हिमाचल के अलावा देश का कोना-कोना फिदा है। हालांकि हिमाचल के अन्य कलाकारों के गीत गुनगुनाने में हिमाचलियों की ही जीभ अकड़ जाती है, लेकिन किंग ऑफ नाटी ठाकुरदास राठी के गीतों को हर कोई गाता है। इनके लिखे और गाए हुए गीतों में साधारण शब्दों का प्रयोग हुआ है। बेटी है अनमोल पर भी ठाकुरदास राठी गीतों के माध्यम काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं। गीतों के माध्यम से राठी ने हिमाचली संस्कृति को कायम रखा और सदा कायम रखने का प्रयास कर रहे हैं। इनके गीतों पर युवा तो फिदा हैं, वहीं बुजुर्ग भी बेहद पसंद करते हैं और खूब झूमते हैं।

जिला कुल्लू के भुंतर के नजदीक रूआडू  गांव में स्वर्गीय ख्याल चंद राठी और कुब्जा राठी के घर जन्मे किंग ऑफ नाटी ठाकुर दास राठी की पहचान आज गीतों-संगीत के माध्यम से काफी आगे पहुंची है। राठी ने अपने पिता स्वर्गीय ख्याल चंद राठी से गीत गाने की कला सीखी है। जब राठी के पिता गांव में कीर्तन में भजन में गाते थे, तो उनको देखकर ही राठी में गाने का शौक पैदा हुआ। वह बचपन से अपने पिता के साथ कीर्तन में जाते थे। पिता से सीखी संगीत की कला का प्रयोग राठी धीरे-धीरे स्कूलों में आयोजित होने वाले हर सांस्कृतिक कार्यक्रम में करने लगे। क्लास रूम में अपने सहपाठियों के साथ खूब मस्ती करते रहे। उसी दौरान राठी ने जिंदगी के पहले गीत ’मेरी श्रीदेवीए कौखै चौली चली तू’ लिखा व जिस पर उनके साथी डेस्क बजाकर उनका साथ देते थे।  इसके बाद राठी को उनके  दोस्तों व अध्यापकों ने प्रेरित किया और तत्पश्चात हिमाचल के बॉलीवुड में संगीतकार के रूप में कार्य कर चुके  एसडी कश्यप के पास गए और पहली एलबम ’मेरी श्री देवीए कौखै चली तू’ उनके संगीत निर्देशन व मार्गदर्शन मैं रिलीज की। यह एलबम सुपर डूपर हिट हुई। उसके बाद एसडी कश्यप को अपना गुरु मानकर उनसे संगीत की बारीकियां सीखीं। उसके पश्चात बहुत से एलबम एसडी कश्यप के संगीत निर्देशन में रिलीज की। मेरी श्रीदेवीए कौखै चली तू के बाद ‘कोहरा’ ‘सरगम’ ‘हीरो बनीऐ चले’ ‘निगाहें’ ‘सीमा’ ‘कहना है तुमसे’ ना आए लौट कर’ ‘आसे तेरे दीवाने’ ‘तेरे इंतजार में’ ‘शालू रे क्वार्टरा’ ‘सुषमा मेरी जानीऐ’ ‘यादों के सहारे’ ‘दिल नी लाना’ ‘हो शकुंतला’ ‘शान ए हिमाचल’’गीत पहाड़ा दे’ ‘राठी लाइव इन हिमाचल’ ‘डांस मस्ती’ ‘झूम के नाचो रे’ आदि एलबमों में लगभग 200 गीत गाए।

हिमाचली स्टार नाइट का सौभाग्य प्राप्त हुआ

धीरे-धीरे सुप्रसिद्ध कलाकार किंग ऑफ नाटी ठाकुरदास राठी को हिमाचल प्रदेश की पहली हिमाचली स्टार नाइट की शुरुआत करने का सौभाग्य मिला। इससे पहले हिमाचली कलाकारों को कम अधिमान दिया जाता था। यह स्टार नाइट अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में 2003 में हुई, जो बहुत ही सफल रही । उसके बाद ही हिमाचल के बाकी मेलो, उत्सवों में हिमाचली पहाड़ी नाटी का आयोजन होने लगा। राठी ने हिमाचल के बाहर उत्तराखंड, चंडीगढ़ व दिल्ली में कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं।

किसी के गीत नहीं चुराए

राठी का कहना है कि उन्होंने कभी भी किसी के गीत नहीं चुराए हैं न ही पुराने गीतों को तोड़ा-मरोड़ा। उनका कहना है कि आज तक जितने भी गीत गाए हैं, वे स्वयं लिखे हैं। उनका यह भी कहना है कि  उनके गीत चोरी किए गए हैं। जिसका वह हमेशा विरोध करते रहे।

कुल्लवी नाटी में अपना गीता गाया

गिनीज बुक ऑफ  वल्ड रिकॉर्ड  में दर्ज कुल्लवी नाटी में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं तथा  थीम सांग ’बेटी है अनमोल’ भी लिखा व गाया है।

टी सीरिज ने नवाजा

लोकप्रियता के आधार पर भारत की नंबर-1  म्यूजिक कंपनी टी-सीरिज ने किंग ऑफ नॉटी को खिताब से  नवाजा। इसके बाद दिव्य हिमाचल द्वारा हिमाचल एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा। वहीं, हिमाचली केसरी आवार्ड भी मिला है।

इस गीत को किया जा रहा है पसंद

राठी के नए गीतों में ’तू चाहत’  गीत बहुत ही पसंद किया जा रहा है। यह गीत युवाओं की जुवान पर छाया है। इस गीत के गीतकार संगीतकार गायक राठी स्वयं है। ‘तेरा मेरा प्यार’ व  ‘झूरीए’  गीत भी यू-ट्यूब पर बहुत पसंद किए जा रहे हैं। तू चाहत गीत को लगभग 200000 लोगों ने ‘तेरा मेरा प्यार’ को 125000 तथा  ‘झूरिये’ गीत को लगभग एक लाख लोग  यू-ट्यूब पर देख चुके हैं इसके अतिरिक्त बहुत से गीत यू-ट्यूब पर देखे ब सुने जा सकते हैं।

जब रू-ब-रू हुए…

हिमाचली गीतों को बॉलीवुड तक ले जाना ही लक्ष्य…

आपको गाने में मजा आता है या नाचने में?

गीत गाना तो मुझे बहुत पसंद है, लेकिन दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए में अपनी टीम के साथ नाचता भी हूं।

गीत-संगीत और नृत्य के बीच किंग ऑफ  नाटी ठाकुर दास राठी की सफ लता का राज?

मैंने कभी भी किसी के गीत नहीं चुराए तथा न ही पुराने गीतों को तोड़ा-मरोड़ा। मैंने आज तक जितने भी गीत गाए हैं वे स्वयं लिखे हैं। कई गायकों ने मेरे गीत चोरी किए हैं जिसका मैं हमेशा विरोध करता रहता हूं। स्वयं बनाई कुल्लवी नाटियों से मुझे आज किंग ऑफ  नाटी ठाकुर दास राठी के नाम से जाना जाता है।

कोई घटना, प्रेरणा या प्रशंसा, जिसके कारण अंदाज बदल गया?

मेरे जीवन में कोई ऐसी घटना नहीं घटी है। अपने पापा से मैने गीतों की कला सीखी है। पापा कीर्तन में भजन गाते थे और मैने भी उनसे यह कला सीखी। धीरे-धीरे मुझे शौक पैदा होता गया और मैने गीतों को लिखना और गाना शुरू किया। जिससे मेरे जीवन का अंदाज बदलता गया।

हिमाचल में लोक संस्कृति- लोक कलाकार के प्रति सामाजिक समर्थन से आप कितने संतुष्ट या प्रभावित?

हिमाचली लोक संस्कृति को कायम रखने के लिए हर कलाकार को आगे बढऩा चाहिए। जिसमें सामाजिक समर्थन भी हो। कलाकार संस्कृति को बचाने का एक ऐसा पहलू है,जो गीतों से हर तरह के लोगों को जागरूक करता है। हिमाचली संस्कृति बचाने में मैं स्वयं भी गीतों के माध्यम से कार्य कर रहा हूं।

क्या एक हिमाचली भाषा संभव है? कम से कम गीत-संगीत से बोलियों में बंटा प्रदेश तो कहीं एक सुर में आ जाता है, तो एक हिमाचली भाषा पर अड़चन क्यों?

देखिए हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग बोलियां है। हर जिला का कलाकार अगर उसी जिला की बोली में गीत को गाता है, तो वह वहां की संस्कृति की पहचान है। आज मुझे दुख इस बात का होता है कि कलाकार अपने गीतों में विभिन्न बोलियों और भाषा को पिरो रहे हैं। इससे गीतों की महक  खत्म होती है। हिमाचली भाषा में अड़चन आने का एक यह भी बड़ा कारण है।

किसी लेखक के लोक गीतों से प्रभावित हुए?

एसडी कश्यप को अपना गुरु मानकर उनसे संगीत की बारीकियां सीखीं। उनके गीत और लेखनी मुझे बेहद पसंद है।

राठी के मनपंसद के अन्य हिमाचली गायक?

अनुज शर्मा, विक्की चौहान, डाबे राम कुल्लवी और अमर धीमान।

हिमाचली गीत-संगीत को संवारने के लिए आपका कोई सुझाव?

संगीत ऐसा होना चाहिए, जो हर किस के दिल को छू जाए और कोई भी पुराने गीतों के साथ छेड़छाड़ न हो।

अपनी दुनिया में आपको कौन भगवान, कौन शैतान नजर आता है?

सच्ची लगन से गीतों का काम करें, तो भगवान। जो गीतों को चोरी करते हैं, वे शैतान हैं।

कोई सपना जिसे हर सूरत में पूरा करना है?

हिमाचल गीतों को बॉलीवुड के स्तर तक पहुंचाना है।

गीत-संगीत के मेलों के बीच जब राठी निपट अकेला या व्यथित होता है?

जब भी गीत बनाता तो उस दौरान पूरी लगन से काम करता हूं और व्यथित होता हूं। मैं अकेले बैठकर गीत को अच्छा लिखने की कोशिश करता हूं।

कोई ऐसा टर्निंग प्वाइंट, जहां से दुनिया ने राठी- राठी कहना शुरू किया?

जिंदगी का पहला गीत जो मैने लिखा भी है और गाया भी ‘मेरी श्रीदेवीए कौखे चौली तू’ गीत ने मुझे एकदम से पहचान दिलाई। आज भी जहां शो करता हूं, तो इस गीत को जरूर गाता भी हूं और दर्शकों से इसकी फरमाइश भी आती है।

अब तक का सबसे बड़ा तथा सफ ल मंच?

वर्ष 2003 में मुझे सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में पहली स्टार नाइट मिली थी और यह हिमाचल की पहली हिमाचली स्टार नाइट थी। इससे मैं बेहद खुश हुआ था और मुझे दर्शकों का खूब सहयोग मिला था। मेरे लिए हर मंच बड़ा और सफल होता है। प्रशासन आज भी मुझे नहीं भूलता है।

जिस नाटी की फरमाइश बार-बार होती है?

कौखे चौली श्रीदेविए, नीरू चाली घूमदी, शौलूरे क्वार्टरा, ओ सुमित्रा आदि अनेक गीत।

भविष्य में राठी के जुनून से क्या मिलने वाला है?

नए गीत जो आजकल धूम मचाए हैं उनमें हवा लागी चंडीगढ़ा री गीत का वीडियो आ रहा है। प्रमिला तेरे गांव लागे मेले की नॉन स्टाफ  एलबम आ रही है। नया रूसदे-मनांदे और बचपन गीत नया रिलीज कर रहा हूं। इसके अतिरिक्त दस गीतों पर काम चल रहा है।

– मोहर सिंह पुजारी, कुल्लू


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