अवाहदेवी की सड़कें हादसों को दे रहीं न्योता
एक तरफ जहां सरकार हर गांव को सड़क से जोड़ने का दावा करती है, लेकिन इन सड़कों की हालत क्या है इसकी सुध लेना भूल जाती है। टीहरा उपतहसील क्षेत्र के गांव की सड़क की स्थिति भी देखने लायक है। गांव की पक्की सड़को में घास तक उग आई है, वहीं तीन साल बीतने के बावजूद सेंट्रल रोड फंड के तहत बनी अवहादेवी-टीहरा-संधोल सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है, लेकिन इस पर संबंधित विभाग और सरकार डंगे लगाना तक भूल गए हैं। यही नहीं सड़क तो बना दी गई है, लेकिन सड़कों पर माइल स्टोन नहीं लगाए। इसके अलावा कई जगहों पर सड़क सुरक्षा से जुड़े साइन बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं। सड़क किनारे नालियां भी नहीं हैं, जिससे पानी सीधा घरों में घुसता है…
सेफ्टी के लिए सड़क किनारे नहीं लगे डंगे
बंशी लाल का कहना है कि टूटी हुई सड़कों में विभाग डंगे तक नहीं लगा पाया है। सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता न होने से यहां हमेशा दुर्घटनाओं को अंदेशा रहता है। वर्तमान में क्षेत्र में सड़क की बेहतर सुविधा के लिए अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है।
बाइपास न होने से लग रहा जाम करता है परेशान
धर्म सिंह का कहना है कि अवाहदेवी बस स्टैंड से लेकर टीहरा चौक तक बाइपास न होने कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है, जिस कार्य कोई भी जरूरी कार्य निपटाने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों को आ रही है।
आधे बस स्टॉप पर नहीं बन पाए रेन शैल्टर
रमेश चंद ने बताया कि नियमों के मुताबिक हर बस स्टॉप पर बैठने की सुविधा होती है, वहीं अवाहदेवी-टीहरा सड़क में छह बस स्टॉप होने के बावजूद मात्र तीन ही वर्षाशालिका अभी तक विभाग द्वारा बनाई हुई हैं। ऐसे में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नालियां न होने से घरों में घुस रहा सड़क का पानी
बुद्धि सिंह का कहना है की इस सड़क में पानी की निकासी न होने से भी किसानों की खेती बर्बाद हो रही है। जहां-जहां पानी की निकासी नहीं हो रही हैं, वहां पानी खेतों व घरों को नुकसान कर रहा है। सड़क के किनारे नाली की व्यवस्था न के बराबर है।
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