ऊना की सेहत को शिमला में हल्ला
अस्पताल में सुविधाएं न मिलने पर स्वयंसेवी संस्था ने घेरा डीसी आफिस
शिमला – प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है। प्रदेश के अधिकतर स्वास्थ्य संस्थान स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। हालात ये हैं कि स्वास्थ्य संस्थानों में सुविधाएं न मिलने से लोग अब सड़कों पर उतर आए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को स्वयंसेवी संस्था ने ऊना अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर उपायुक्त शिमला कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। ऊना जनहित मोर्चा के अध्यक्ष राजीव भनोट ने बताया कि करीब छह स्वयंसेवी संस्थाएं इस धरना-प्रदर्शन में शामिल रहे। स्वयंसेवी संस्थाएं अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन करना चाहती थी, लेकिन इसकी अनुमति जिला प्रशासन की ओर से नहीं दी गई, इसलिए संस्थाओं ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया। ऊना अस्पताल क्षेत्रीय अस्पताल है। इसके बावजूद यहां स्टाफ की भारी किल्लत है। 200 बेड वाले इस अस्पताल में महज 100 बेड के जितना स्टाफ है। अस्पताल में आठ डाक्टरों की कमी है। स्टाफ नर्सें भी कम हैं, उस पर पांच स्टाफ नर्सों का तबादला कर दिया। ऊना अस्पताल उपायुक्त कार्यालय के बाहर भी संस्थाओं का धरना-प्रदर्शन हो चुका है, लेकिन हालात नहीं सुधरे तो शिमला में प्रदर्शन किया। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री का ऊना दौरा है। इस दौरान सभी संस्थाएं मिलकर मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाएंगी।
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