एवरेस्ट एकेडमी, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)

By: Sep 27th, 2017 12:07 am

ईं विशाल शर्मा प्रबंध निदेशक

एवरेस्ट एकेडमी, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)मां बज्रेश्वरी देवी की नगरी कांगड़ा में स्थापित एवरेस्ट अकादमी ने पिछले 17 सालों में बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवा कर ख्याति हासिल की है। क्षेत्र के अग्रणी शिक्षा संस्थानों में शुमार एवरेस्ट अकादमी ने कम समय में ज्यादा उपलब्धियां हासिल कर कांगड़ा की शान बढ़ाई है। मौजूदा समय में यहां छठी से जमा दो तक की शिक्षा सभी संकायों में दी जाती है। इसके अलावा पीएमटी, जेईई, एनडीए, सैनिक स्कूल, बीएससी नर्सिंग, बीएससी एग्रीकल्चर व बीएससी हॉर्टिकल्चर जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी दी जाती है। अकादमी के प्रबंध निदेशक इंजीनियर विशाल शर्मा का कहना है कि कठिन परिश्रम, लगन  व सकरात्मक सोच जीवन में सफलता का मूल मंत्र है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन कोचिंग आने वाले समय की जरूरत है, लिहाजा निकट भविष्य में ऑनलाइन कोचिंग व कम्प्यूटर लैब यहां स्थापित की जाएगी। अपने छात्रों को हमेशा कठोर परिश्रम के लिए प्रेरित करने वाले विशाल शर्मा खुद इस बात के परिचायक हैं कि कैसे आज के युवा कठिन परिश्रम से अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ से ताल्लुक रखने वाले विशाल शर्मा का जन्म, शिक्षा- दीक्षा विदेश में हुई।  इंजीनियरिंग करने शर्मा इंडिया आए और उसके बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की। आज के दौर में जब युवा विदेश में नौकरी को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं, तो विशाल शर्मा ने अपने अच्छी खासी नौकरी छोड़कर हिमाचल में ही रहने को प्राथमिकता दी और बहुतकनीकी संस्थान कांगड़ा में प्राध्यापक के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया। शिक्षा के क्षेत्र में 3 वर्ष जुड़ने के बाद ही धीरे-धीरे इन्हें अनुभव हुआ कि इस क्षेत्र के बच्चे इतने प्रतिभावान मेहनती होते हुए भी प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने में कठिनाइयों का सामना करते हैं, उन्हें इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए आसपास के राज्यों में जाना पड़ता है इसलिए विशाल शर्मा ने सरकारी नौकरी को छोड़कर एवरेस्ट एकेडमी की स्थापना की। महज 26 साल की आयु के मेधावी युवा इंजीनियर के लिए यह फैसला लेना आसान न था। केवल 6-7 बच्चों से शुरू यह संस्थान  आज क्षेत्र के अग्रणी शिक्षा संस्थानों में गिना जाता है। अपने छात्रों के प्रति लगाव का उदाहरण है कि हजारों छात्र इस संस्थान से शिक्षा प्राप्त कर निकले हैं। इस संस्थान से निकले हुए छात्र आज चिकित्सा, इंजीनियरिंग, पुलिस बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं । विशाल शर्मा का कहना है कि अपने छात्रों को सफलता की ऊंचाइयों को छूते देखकर उन्हें बेहद खुशी मिलती है, जिसे वह शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं। वर्ष  2017 की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए विशाल शर्मा कहते हैं कि इस वर्ष इस संस्थान से 4 बच्चे एमबीबीएस गवर्नमेंट सीट में चयनित हुए हैं । आरजू संधु, अक्षज चौधरी, शुभम व जय शर्मा मेडिकल कालेज मे ंआखिला शर्मा बीएससी नर्सिंग चंडीगढ़, अभिषिक्त पीईसी चंडीगढ़, अभिषेक राणा एनआई टी हमीरपुर व आयुष चौधरी सहित दर्जनों छात्रों ने शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदियां हासिल की हैं। अपनी टीचिंग फैकल्टी के बारे में वह बताते हैं कि फिजिक्स को वह स्वयं पढ़ाते हैं। उन्हें 20 वर्ष का अनुभव फिजिक्स में प्राप्त है। इसके अलावा केमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी एवं अन्य विषयों के प्राध्यापक एमएससी, बीएड एवं पीएचडी  तक शिक्षित एवं 15-30 वर्षों का कार्य अनुभव लिए हुए हैं। भविष्य की योजनाओं के बारे में श्री शर्मा ने सिर्फ  इतना ही कहा कि मैं यह मानता हूं कि आज जो कार्य आप कर रहे हैं उसे इमानदारी एवं परिश्रम से करें, तो भविष्य उज्ज्वल होगा। उनके अनुसार शिक्षा अध्यापक, विद्यार्थी और अभिभावकों के परस्पर समन्वय पर निर्भर करती है। केवल अंक किसी भी छात्र की योग्यता का परिचायक नहीं होते, बल्कि छात्रों का सर्वांगीण विकास ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, लिहाजा हमें मिलकर बच्चों की छुपी हुई प्रतिभा को समझ कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह सब  अध्यापक एवं अभिभावक मिलकर कर सकते हैं।

-राकेश कथूरिया, कांगड़ा

 


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