कालेज बंदला में, तो कक्षाएं नगरोटा में क्यों

By: Sep 16th, 2017 12:05 am

हिमाचल फोरम

बिलासपुर की बंदलाधार पर बनने वाले देश के दूसरे हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज निर्माण में विलंब को लेकर यहां की जनता में रोष व्याप्त हो गया है। लोगों में इस बात को लेकर रोष है कि बार-बार आग्रह करने के बावजूद बिलासपुर के बजाय कक्षाएं नगरोटा बगवां में बिठाई गईं, जबकि यहां कालेज में तमाम सहूलियतें होने पर भी कक्षाएं शुरू करना गवारा नहीं समझा गया। लोग सरकार से इस सवाल का जवाब चाहते हैं कि जब हाइड्रो कालेज बिलासपुर में बन रहा है तो फिर यहां कक्षाएं शुरू करने में क्या दिक्कत थीं?

अश्वनी पंडित, बिलासपुर

निर्माण कार्य शुरू न होने से संशय

बिलासपुर की प्रीति राजपूत का कहना है कि इस जिला के लिए यह गौरव की बात है कि हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज बिलासपुर के बंदला में बनने जा रहा है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए छात्रों को अब बाहरी राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा, लेकिन सवाल यह है कि न तो अभी तक निर्माण कार्य आरंभ हो सका है और न ही कक्षाएं बिलासपुर में शुरू की गईं। इसलिए इस कालेज को लेकर अभी तक जनता के बीच संशय बना हुआ है।

बिलासपुर में शुरू होनी चाहिएं थीं क्लासेज

अक्षय कुमार का कहना है कि एनटीपीसी और एनएचपीसी की भागीदारी से करोड़ों की लागत से बनने वाले इस कालेज में इंजीनियर तैयार होंगे। मगर अभी तक इस कालेज को लेकर असमंजस बना हुआ है क्योंकि कक्षाएं तो नगरोटा में चल रही हैं, जबकि कक्षाएं तो बिलासपुर में शुरू की जानी चाहिए थी।

राजनीति का अखाड़ा बन गया कालेज

रिया का कहना है कि सियासत के चलते हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज शिलान्यास होने तक राजनीति का अखाड़ा बना रहा और दोनों ही प्रमुख दलों के नेताओं द्वारा क्रेडिट लेने के लिए इस पर राजनीति की जाती रही, लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा शिमला में शिलान्यास किए जाने से बिलासपुर की जनता में विश्वास जगा है कि एक बड़ा कालेज बिलासपुर को मिला है, लेकिन जब तक कक्षाएं यहां शुरू नहीं होती तब तक संशय बरकरार रहेगा।

आवाज उठाने पर नहीं मिला हक

राममूर्ति का कहना है कि जब बिलासपुर कालेज में आधारभूत ढांचा उपलब्ध है तो फिर कक्षाएं नगरोटा में शुरू करने का कोई औचित्य नहीं बनता था। इस मसले को लेकर समाजसेवी संस्थाओं और भाजपा के अलावा कुछ कांग्रेस नेताआें ने भी आवाज उठाई थी, लेकिन सरकार अपनी निद्रा से नहीं जागी और अंततः कक्षाएं नगरोटा में ही शुरू की गई।

बिलासपुर की जनता के साथ अन्याय

कपिल कुमार का कहना है कि यह कालेज बिलासपुर के लिए एक बड़ी सौगात है। हालांकि कक्षाएं बिलासपुर में शुरू करने के लिए हर स्तर पर आवाज उठाई गई, लेकिन बावजूद इसके कक्षाएं नगरोटा में शुरू करने का निर्णय लिया गया जो कि बिलासपुर की जनता के साथ अन्याय है।

सरकार ने अनसुनी की जनता की पुकार

पियूष का कहना है कि सरकार को चाहिए कि जब कालेज का भवन एवं अन्य आधारभूत ढांचा बंदलाधार पर बनेगा तो फिर कक्षाएं भी बिलासपुर में ही शुरू करवाई जाती। आखिरकार जनता की बार-बार पुकार पर भी सरकार ने अनसुना कर दिया। यह समझ से परे हैं। क्या बिलासपुर में आधारभूत ढांचे की कोई कमी है और यदि नहीं है तो फिर नगरोटा में कक्षाएं शुरू करने की क्या नौबत आ गई? बिलासपुर की जनता इस सवाल का जवाब चाहती है।

 


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