खूबसूरत है भारतिय संस्कृति

By: Sep 24th, 2017 12:05 am

भारतीय लोग स्वभाव से ही परंपरावादी हैं। वे अनेक तरह की परंपराएं निभाते हैं। इन परंपराओं को निभाने के पीछे उनके अपने तर्क हैं। यहां पेश हैं विविध परंपराओं को निभाने के तर्कशील कारण…

उत्तर दिशा की ओर सिर करके न सोना

इसके पीछे यह मान्यता है कि उत्तर की ओर मरे हुए लोगों को लिटाया जाता है, लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि पृथ्वी में बहुत बड़ा मैग्नेटिक फील्ड है। मानव में भी एक मैग्नेटिक फील्ड होता है। अगर हम उत्तर की तरफ सोएंगे तो हमारा शरीर और पृथ्वी एक दूसरे के अट्रैक्शन सेंटर में होंगे, जिससे ब्लड प्रेशर और हैडेक होने की संभावना अधिक होती है।

सिंदूर लगाना

भारत में सिंदूर लगाना शादीशुदा महिलाओं की पहचान है, इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि सिंदूर को बनाने में मर्करी का प्रयोग होता है जिसे मांग में लगाने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित हो कर हमारे सेक्सुअल ड्राइव को एक्टिवेट रखता है। और बुजुर्ग कहते हैं कि जितनी लंबी मांग भरी होगी आपके पति की उम्र भी उतनी होगी, लेकिन अब वह बात कहां।

तुलसी के पौधा की पूजा करना

हिंदू धर्म में तुलसी को मां कहा जाता है। इसमें वैज्ञानिक कारण हैं कि तुलसी एक महत्त्वपूर्ण मेडिसिनल प्लांट है। यह हमारे इम्यून सिस्टम, कोलेस्ट्राल आदि को नियंत्रित करने के साथ कीडे़-मकोड़ों को भी दूर भगाता है।

पीपल के पेड़ की पूजा करना

हिंदू धर्म में पीपल को भगवान मान कर इसकी पूजा की जाती है। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण देखें, तो पीपल का पेड़ अन्य वृक्षों के मुकाबले सबसे अधिक ऑक्सीजन देता है जो हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक है।

सिर पर चोटी रखना

हिंदू धर्म में लोग अपने सिर के बीच में चोटी रखते हैं। आयुर्वेदाचार्यों ने कहा है कि हमारे सिर के बीच में सेंसेटिव स्पॉट होता है, जो नर्व का मिडल सेंटर है और चोटी रखने से वह सुरक्षित रहता है।

मंदिर जाना

मंदिर तो हम सभी जाते हैं लेकिन आपने कभी यह सोचा है कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। जी हां, मंदिर की बनावट कुछ इस तरह की होती है कि पृथ्वी के उत्तर व दक्षिण पोल के द्वारा अधिक मात्रा में पॉजिटिव ऊर्जा का निर्माण होता है, जो मनुष्य के लिए बेहद लाभदायक होता है।

शादी के बाद दुल्हन क्यों पहनती है चूड़ा

शादी हर किसी की जिंदगी का सबसे खास दिन होता है। पंजाबियों में शादी की रस्मों को लेकर ज्यादा क्रेज देखने को मिलता है। वे अपनी हर रस्म के फंक्शन की खास तैयारियां करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादी के दौरान होने वाली रस्मों का असली मतलब क्या होता है। पंजाबियों में दुल्हन को चूड़ा पहनना बहुत जरूरी होता है और इसकी एक रस्म भी होती है चूड़ा सेरेमनी, जो शादी की सुबह दुल्हन के घर पर ही होती है। दुल्हन के मामा उसके लिए चूड़ा ले कर आते हैं जिसमें लाल और सफेद रंग की 21 चूडि़यां होती हैं। दुल्हन इस चूड़े को तब तक नहीं देख पाती, जब तक  वह मंडप पर दूल्हे के साथ न बैठ जाए। दुल्हन को चूड़ा शादी के मंडप में मामा देते हैं। उस दौरान दुल्हन की आंखें उसकी मां बंद कर देती है, जिससे वह चूड़ा न देख पाए। माना जाता है कि तैयार होने से दुल्हन का चूड़ा देखना शुभ नहीं होता। वहीं रस्म वाले दिन से एक रात पहले चूड़े को दूध में भिगो कर रखा जाता है। दुल्हन को लगभग 1 साल तक चूड़ा पहनना होता है। इसे 40 दिन तक भी पहना जा सकता है। यह शादीशुदा होने का प्रतीक है, साथ ही यह प्रजनन और समृद्धि का संकेत भी होता है। चूड़ा उतारने की रस्म में दुल्हन को शगुन और मिठाई दी जाती है। फिर चूड़ा उतार कर उसकी जगह पर कांच या सोने की चूडि़यां पहना दी जाती हैं।


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