चुनाव में वोट से देंगे जवाब

By: Sep 22nd, 2017 12:15 am

आउटसोर्स इंप्लाइज यूनियन ने लिया फैसला; कहा, प्रदेश सरकार आचार संहिता से पहले बनाए ठोस नीति

newsबिलासपुर – सरकार की वादाखिलाफी से खफा आउटसोर्स इंप्लाइज यूनियन ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। यूनियन ने निर्णय लिया है कि यदि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो चुनाव का बहिष्कार करने के बजाय अपने वोट के माध्यम से सरकार को इसका जवाब देंगे। अब यह सरकार को तय करना है कि उसे किसी कंपनी विशेष को ही लाभ पहुंचाना है या इस वर्ग के 35 हजार कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित बनाकर उन्हें अपने साथ जोड़ना है। आउटसोर्स इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष युनस अख्तर, महासचिव तृप्ता भाटिया व मुख्य सलाहकार शबीर मोहम्मद ने कहा कि हिमाचल में विभिन्न विभागों तथा बोर्डों व निगमों में लगभग 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारी पिछले 10-12 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। उनकी नियुक्ति कुछ कंपनियों के माध्यम से की गई है। डाटा एंट्री व कम्प्यूटर आपरेटर जैसे पदों पर काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को जहां 30 से 40 हजार रुपए वेतन मिल रहा है। वहीं इन्हीं पदों पर काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को महज 5392 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। नियोक्ता कंपनियां उनके वेतन में से लगभग दो-दो हजार रुपए प्रतिमाह अपने कमीशन के रूप में काट रही हैं। यूनियन के नुमाइंदों ने कहा कि पिछले विस चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि ठेके पर की गई नियुक्तियों को रेगुलर किया जाएगा। इसी साल बजट सत्र के दौरान भी सीएम ने घोषणा की थी कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक माह के भीतर पालिसी तैयार होगी। कई माह बीत जाने के बाद सरकार इस बारे में कुछ कहने से भी गुरेज कर रही है। सरकार ने पैट, पीटीए व एसएमसी जैसे अन्य वर्गों के कर्मचारियों को लाभान्वित किया, लेकिन आउटसोर्स कर्मचारियों की फाइल अभी भी सचिवालय में धूल फांक रही है।

 


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