जनता की निजी उम्मीदों से सियासी सफर कठिन

By: Sep 22nd, 2017 12:04 am

मौजूदा राजनीति में आ रही मुश्किलों पर कौल सिंह की राय

newsमंडी— प्रदेश के दुर्गम विधानसभा क्षेत्रों में शुमार मंडी जिला के दं्रग से आठवीं बार विधानसभा पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर की नजर में अब सियासत कांटों भरी डगर हो चुकी है। उनका मानना है कि इस डगर पर चलना भी है और थकना भी नहीं है। सबकी सुननी भी है, लोगों के व्यक्तिगत काम भी करने हैं और क्षेत्र का विकास भी करवाना है, लेकिन इसके बाद भी आज के दौर में जनता अपने नेता से पूरी तरह से खुश नहीं हो पाती। कौल सिंह कहते हैं कि हालांकि यह उनका सौभाग्य है कि अब तक वह सार्वजनिक विकास के दम पर दं्रग से आठ चुनाव जीत चुके हैं, जिसमें पांच बार के चुनाव में लगातार जीतते आ रहे हैं। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1977 में जीता था। उस समय दं्रग से दूसरी बार कोई नेता चुनाव नहीं जीतता था, लेकिन इस मिथक को तोड़ते हुए उन्होंने उस दौर में भी दो चुनाव लगातार जीते। क्योंकि उस समय लोगों की अपनी आशाएं कम थीं और वे क्षेत्र का विकास चाहते थे, जबकि आज यह सारी परिपाटी बदल चुकी है। उस समय अगर किसी का थोड़ा सा भी काम किया जाता था तो लोग एहसान मानते थे। उस समय एक विधायक की शक्ति मंत्री की तरह होती थी, लेकिन आज जनता इतनी जागरूक और इच्छावादी हो चुकी है कि मंत्री को भी छोटा मानती है। उस समय के मुकाबले आज सार्वजनिक विकास के मायने ही बदल चुके हैं। अब तो क्षेत्र के विकास पर अरबों रुपए खर्च किए जाते हैं। सड़कों, स्कूल, स्वास्थ्य, पुल निर्माण और पेयजल सहित अन्य विकास कार्य बेहिसाब होते हैं, लेकिन इसके बाद भी जनता अपने व्यक्तिगत कार्य को ज्यादा बड़ा मानती है। कौल सिंह कहते हैं कि हालांकि 1990 के बाद वह लगातार पांच चुनाव जीतते आ रहे हैं। इसकी यही वजह है कि उन्होंने क्षेत्र के विकास के साथ आम जनता के व्यक्तिगत कार्यों को भी तव्वजो दी है। इसके साथ ही आज हर कार्यकर्ता के साथ नेता का भी सीधा संपर्क हो चुका है। इसलिए कार्यकर्ताओं व जनता के साथ एक पारिवारिक रिश्ता बन गया है। कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में भाग लेना सबसे जरूरी हो चुका है। यह रिश्ता भी राजनीतिक की डगर को मुश्किल बना रहा है। कहीं अगर किसी वजह से जाने से रह गए तो जनता की नाराजगी सहन करनी पड़ती है।

चौहार घाटी तक सड़कें

दंरग में चौहार घाटी तक सड़कें पहुंचाने का श्रेय कौल सिंह को ही जाता है। इस क्षेत्र के कई गांव तो ऐसे हैं, जिन्होंने सड़क बनने के बाद पहली बार किसी विधायक व मंत्री के दर्शन किए हैं।

वोट मिले न मिले, काम होना चाहिए

कौल सिंह कहते हैं उन्होंने हमेशा ही विकास की राजनीति की है और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम किया है। यही वजह है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में हर गांव से वोट मिलते हैं। सभी नेताओं को ऐसी ही राजनीति करनी चाहिए। वोट मिले या न मिले, लेकिन काम सबका किया जाना चाहिए। चाहे वह क्षेत्र से जुड़ा हुआ है या किसी का व्यक्तिगत काम है।

गलत को सही नहीं कर सकते

कौल सिंह कहते हैं कि एक बात आज भी नहीं बदली है। आज भी लोगों को यही लगता है कि नेता के आदेश कानून से भी बडे़ हैं, जबकि ऐसा नहीं है। विधायक, मंत्री के फोन से रुका हुआ विकास कार्य तो पूरा हो सकता है, लेकिन गलत को सही नहीं किया जा सकता, क्योंकि नेता भी नियमों से बंधे पडे़ हैं। इसलिए जनता को चाहिए कि विकास के तराजू पर अपने नेता को तोलें न कि उनके कितने व्यक्तिगत काम किए हैं, उस पर।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App