दशमी पर क्यों खेली जाती है सिंदूर की होली
बच्चे हमेशा टीवी देख कर कुछ नया होने पर अपने मन में ही सवाल करते हैं। ऐसे ही कुछ बच्चों ने अपनी मां से पूछा कि मां, माता रानी की पूजा में होली क्यों खेली जाती है तब मां न हंस कर इस होली की बात बताई। नवरात्र के आखिरी दिन दुर्गा पूजा के बाद पंडाल में खेले जाने वाले सिंदूर का अलग ही महत्त्व है बंगाली समाज में। नौ दिनों तक दुर्गा मां की भक्ति के बाद दशमी के रोज सिंदूर की होली खेली जाती है और जब यह खेल शुरू होता है तो इसके रंग में पूरी तरह रंग जाती हैं महिलाएं। मां को सिंदूर लगाने के बाद से ही शुरू हो जाती है बंगाली महिलाओं की आपस में सिंदूर की होली। बंगाली अखाड़ा में होने वाली यह होली हर महिला के लिए एक खास मौका होता है। दरअसल मां की मूर्ति विसर्जन के समय महिलाएं एक-दूसरे के सुहाग की कामना करते हुए सिंदूर की यह होली खेलती हैं।
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