न रेट लिस्ट और स्क्रीन रेट भी ठेंगे पर
शिमला- नवरात्र में अकसर लोग नौ दिन तक व्रत रखते है और इस दौरान केवल फलाहार को ही महत्त्व देते हैं। मंदिरों में भी प्रसाद के तौर पर फलों की ही भेंट दी जाती है। इस बात का फायदा उठाकर फल विक्रेता इन दिनों खूब चांदी कूट रहे हैं। पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह सभी फलों के दाम में 15 से 20 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है। हालांकि सब्जी और फल विक्रेताओं की मनमानी के लिए जिला प्रशासन की ओर से डीसी आफिस के बाहर और मालरोड पर डिस्प्ले स्क्रीन लगाई गई है, लेकिन फल विक्रेता इसकी अनदेखी कर ग्राहकों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं। सबसे ज्यादा लूट तो लिफ्ट के पास मालरोड पर रेहड़ी-फड़ी लगाकर फल बेचने वाले मचा रहे हैं। हालांकि इस जगह पर बैठने की अनुमति नगर निगम उन्हें नहीं देता इसके बावजूद वे जबदस्ती यहां पर फलों के बड़े छाबे लगाकर बैठ जाते हैं। शिमला आने वाले अधिकतर पर्यटक लिफ्ट से होकर ही मालरोड पहुंचते हैं। इसी बात का फायदा उठाकर यहां फल विक्रेता इन पर्यटकों से मनमाने दाम वसूलते हैं। बाजार में चैरी का जो डिब्बा डेढ़ से दो सौ के बीच में मिलता है ,लिफ्ट के पास वही चैरी पर्यटकों को तीन से चार सौ के बीच में दी जाती है। कच्ची गरी की बिक्री के नाम पर भी खूब लूट मची है। कच्ची गरी का एक कटा हुआ पीस दस से पंद्रह रुपए में दिया जाता है, जबकि बाजार में एक कच्चे नारियल की कीमत तीस से 35 रुपए रहती है। यही हाल कीवी और दूसरे फलों की ब्रिकी है।
्सप्ताह पहले फलों के रेट
केला 40-60 (प्रति दर्जन)
सेब 35-50 (प्रति किलो)
अनार 80-100
मौसमी 40-50
संतरा 45-50
जापानी फल 25 रुपए (प्रति प्लेट)
कच्चा नारियल 10 रुपए प्रति पीस
अमरूद 30 रुपए (प्रति किलो)
कीवी 130 रुपए (प्रति पैक)
अब ऐसे हैं रेट के हाल
केला 60-70 (प्रति दर्जन)
सेब 50-60 (प्रति किलो)
अनार 100-120
मौसमी 50-60
संतरा 50-60
जापानी फल 30 रुपए (प्रति प्लेट)
कच्चा नारियल 10 रुपए प्रति पीस
अमरूद 40 रुपए (प्रति किलो)
कीवी 150 रुपए (प्रति पैक)
पर्यटकों से वसूले जाते हैं दोगुने दाम
बाजार से बाहर फल विक्रेता किसी भी तरह की कोई रेट लिस्ट नहीं लगाते। ऐसे में यह आने वाले लोगों के पहनावे और शक्ल देखकर फलों के दाम वसूलते हैं। अगर ग्राहक स्थानीय है और दामों को लेकर जागरूक है, तो उसे थोड़ी रियायत दी जाती है। लेकिन पर्यटकों से दोगुने और तीन गुने दाम वसूले जाते हैं।
अस्पतालों-मंदिरों के बाहर भी मनमर्जी
कालीबाड़ी, लकड़ बाजार और आईजीएमसी जैसे स्थानों पर भी फल विक्रेताओं की मनमानी का ऐसा ही खेल जारी है। आईजीएमसी जाने वाले लोग अकसर लक्कड़ बाजार के रास्ते जाते हैं। अस्पताल जाने वाले तीमारदार और सगे संबंधी अकसर मरीजों के लिए फल ले जाना पसंद करते हैं। इसी बात का फायदा उठाकर फल विक्रेता अपनी मर्जी से फलों के दाम वसूल करते हैं। यही हाल मंदिरों के आसपास बैठने वाले फल विक्रेताओं का है। नगर निगम -खाद्य आपूर्ति विभाग की है जिम्मेदारीशहर में तहबाजारियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। जबकि रेट लिस्ट लगवाना और उसकी अनुपालना कराना खाद्य आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी है। विभाग की ओर से छापामारी तो की जाती है, लेकिन फल और सब्जी विक्रेताओं की मनमानी को रोकने के लिए यह नाकाफी साबित हो रही है।
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