पठानकोट-मंडी फोरलेन की डीपीआर रुकी

By: Sep 22nd, 2017 12:01 am

प्रोजेक्ट में रेलवे की जमीन बनी बाधा, एनओसी मिलने तक रुका काम

हमीरपुर — पठानकोट-मंडी फोरलेन की डीपीआर पर रेलवे लाइन ने ब्रेक लगा दी है। केंद्र सरकार की कंसल्टेंट कंपनी ने इस फोरलेन की ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट नेशनल हाई-वे अथारिटी ऑफ इंडिया (नहाई) को सौंप दी है। नहाई ने डीपीआर की समीक्षा के दौरान यह सवाल उठाया है कि फोरलेन की लाइनमेंट से रेलवे लाइन बाहर है या नहीं। फिलहाल कंसल्टेंट ने डीपीआर में इसका जिक्र नहीं किया है। लिहाजा नहाई ने रेलवे के चीफ इंजीनियर को फोरलेन की डीपीआर का हवाला देते हुए एनओसी मांगी है। जाहिर है कि पठानकोट-जोगिंद्रनगर के बीच प्राचीन रेललाइन बिछी है। प्रस्तावित फोरलेन तथा रेलवे पट्टी कई जगह साथ-साथ से निकली हैं। नतीजतन फोरलेन के लिए चिन्हित की गई जमीन रेलवे लाइन की हो सकती है। इसी आशंका के चलते नहाई ने रेलवे को पत्र लिखते हुए पठानकोट-मंडी की डीपीआर को होल्ड कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नहाई ने इस फोरलेन की ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए नेशनल हाई-वे और हिमाचल सरकार को भी भेजी है। नेशनल हाई-वे की आपत्तियों को आधार मानते हुए राज्य सरकार इस ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट को फाइनल करेगी। इससे पहले रेलवे से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। नहाई के आला अधिकारियों की मानें तो रेलवे पट्टी का पेंच आ जाने से पठानकोट-मंडी फोरलेन की लाइनमेंट का काम कुछ समय के लिए लटक सकता है। इस कारण भू-अधिग्रहण और फोरलेन के निर्माण कार्य शुरू होने में वक्त लग सकता है। रेलवे लाइन के चलते अधर में लटकी डीपीआर के ओके होने के बाद ही अगली प्रक्रिया शुरू होगी। केंद्रीय भूतल एवं सड़क मंत्रालय ने पहली जनवरी, 2018 तक इस फोरलेन का निर्माण कार्य शुरू करने की टेंडर प्रक्रिया को कहा है। इससे पहले 15 अक्तूबर, 2017 तक इसकी डीपीआर सौंपने की डेडलाइन जारी की थी। फिलहाल कंसल्टेंट कंपनी ने ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट सौंप दी है। अब रेलवे पटरी की जमीन की डिमार्केशन के बाद ही अगली कार्रवाई आरंभ होगी।


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