पांच साल से क्यों नहीं हुआ तटीकरण

By: Sep 25th, 2017 12:05 am

भोरंज  —  जिला हमीरपुर और मंडी के संगम पर सीर खड्ड के चैनेलाइजेशन के कार्य को मौजूदा सरकार कोई भी कार्य नहीं कर पाई है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार ने सीर खड्ड के चैनेलाइजेशन के लिए 64 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया था। सरकार के कार्यकाल में किसानों व पंचायत प्रतिनिधियों की मांग पर सीर खड्ड के चैनेलाइजेशन पर डीपीआर तैयार करवाकर 64 करोड़़ रुपए के बजट का प्रावधान किया था और तत्कालीन सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री रविंद्र सिंह रवि ने सरकाघाट में इसका शिलान्यास किया था, लेकिन इस योजना पर कोई भी कार्य नहीं किया है।

जागकर रातें बिताने को मजबूर

शशि कौंडल का कहना है कि सीर खड्ड के किनारे बसे लोगों ने बरसात के मौसम में रातें जागकर बिताई हैं। उन्होंने कहा कि तटीकरण के मुद्दे पर लोग इस बार चुनावों में सरकार को जवाब देने के मूड में हैं। पिछली सरकार और पूर्व  सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री रविंद्र सिंह रवि द्वारा सरकाघाट में इसका शिलान्यास करने के उपरांत क्यों सीर खड्ड के तटीकरण का कार्य शुरू नहीं हो सका है।

पहले भी हुआ है करोड़ों का नुकसान

संजय प्रेमी का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में हुई तबाही से लोग सहमे हुए हैं। लोग नए आशियानों की खोज में हैं। भोरंज उपमंडल की सीर खड्ड ने दो वर्ष 2008-2009, 2014-15 में उपमंडल में भारी तबाही मचाई थी। इससे करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था और दो बार तो इस खड्ड पर बना जाहू पुल जो हमीरपुर और मंडी जिला को जोड़ता था वह भी बह चुका है।

अभी तक नहीं लगाए डंगे

बलबीर चंद का कहना है कि पिछले वर्ष लोक निर्माण विभाग ने कहा था कि बजट आने पर कुछ ब्लैक स्पॉट पर डंगे लगाए जाएंगे, लेकिन अभी तक कोई डंगा नहीं लगा। यदि इस बार भी खड्ड का तटीकरण नहीं हुआ, तो सीर खड्ड पर बने डली पुल, चंदरुही पुल को खतरा बना हुआ है। दो बार जाहू पुल के बहने पर भी विभाग सबक नहीं ले पा रहा है। इसके बावजूद तटीकरण में देरी की जा रही है।

बरसात में लगा रहता है डर

संतोष जरयाल का कहना है कि खड्ड की चपेट में आकर सैकड़ों कनाल भूमि बह गई थी। चंदरुही बाजार की दुकानों व घरों में भारी बरसात में पानी भरने का डर हमेशा बना रहता है। शिलान्यास के चार वर्ष बीतने पर भी इसके तटीकरण के लिए कोई काम शुरू नहीं हुआ है। पिछले वर्ष भी बरसात के दिनों में लोगों को दूसरे गांवों में रातें बिताने को मजबूर होना पड़ा था।

सरकार ने किया भेदभाव

दिनेश भाटिया का कहना है कि सीर खड्ड लोगों की सैकड़ों कनाल भूमि को बहा कर ले गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इसका चैनेलाइजेशन करवाने में विफल रही है। सरकार ने सरकाघाट और भोरंज क्षेत्र से भेदभाव किया है। बार-बार सरकार को सीर खड्ड के तटीकरण के लिए बताया गया, लेकिन पांच सालों में इसका तटीकरण नहीं हो पाया।


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