प्रधानाचार्यों की वेतन विसंगति दूर करने की मांग
धर्मशाला — हिमाचल शिक्षक मंच ने प्रदेश सरकार से राज्य के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में कार्यरत प्रधानाचार्यो की ग्रेड-पे में चल रही विसंगतियों को शीघ्र हल करने की मांग की है। मंच के संयोजक सदस्यों अश्वनी भट्ट, संजय मोगू, अनिश बन्याल, तपिश थापा, विजय शमशेर भंडारी व अजय कुमार ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2009 के बाद से शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के पदों पर कार्य कर रहे 2200 से ज्यादा प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य के पद की ग्रेड-पे नहीं दी जा रही है। मुख्याध्यापक व प्रवक्ताओं से पदोन्नत किए गए प्रधानाचार्यो को केवल उनके पुराने पद की ही ग्रेड पे दी जा रही है, और उसमें भी भेदभाव किया जा रहा है। हिमाचल शिक्षक मंच प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि वर्ष 2009 के बाद से पदोन्नत प्रधानाचार्यो की नियुक्तियों को नियमित किया जाए व सभी वित्तीय लाभ उनकी नियुक्ति की तिथि से दिए जाएं। मंच के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2013 के बाद के सभी प्रधानाचार्यों को 6600 ग्रेड पे की मंजूरी तुरंत दी जाए व नियमित नियुक्ति हेतु जल्द डीपीसी की प्रक्रिया जारी की जाए। उच्चतम न्यायालय द्वारा भूतपूर्व सैनिकों के वरिष्ठता लाभ को असंवैधानिक करार दे कर उसे समाप्त कर दिया गया है। अब प्रदेश सरकार का यह कर्त्वय बनता है कि वह तुरंत प्रभाव से वर्ष 1997 से वरिष्ठता का लाभ लेकर पदोन्नत हुए भूतपूर्व सैनिकों को पद से हटाए व वरिष्ठता सूचियों का पुनःनिर्माण करके योग्य कर्मचारियों को पदोन्नत किया।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App