यूरी गागरिन विश्व के पहले अंतरिक्ष यात्री

By: Sep 10th, 2017 12:05 am

17 दिसंबर, 1903 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर अमरीका में नार्थ कैरोलिना के निकट किटीहाक में ऑरविले राइट दुनिया के पहले वह शख्स बने थे, जो किसी पावर फ्लाइट के जरिए धरती से ऊपर की ओर ले जाए गए थे, लेकिन तब यह उड़ान महज 12 सेकंड की रही, उड़ान की रफ्तार 6.8 मील प्रति घंटा की थी और वह 12 हॉर्स पावर वाले स्वनिर्मित विमान फ्लायर-1 के जरिए जमीन से ऊपर की ओर महज 8-12 फीट ही उड़ पाए थे। इस पहली इनसानी उड़ान के ठीक 58 साल, 3 महीने, 24 दिन, 22 घंटे और 32 मिनट बाद 12 अप्रैल, 1961 को सुबह 9ः07 मिनट पर तत्कालीन सोवियत संघ के अंतरिक्ष यात्री यूरी अलेक्सेईविच गागरिन ने 28.260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले वोस्तोक-1 से धरती की ऊर्ध्व दिशा में अल्टीट्यूड 327 किलोमीटर गए। बैकानूर अंतरिक्ष उड़ान केंद्र कजाखस्तान से उड़ान भरने वाले गागरिन 115 मिनट बाद तत्कालीन सोवियत संघ के स्पेलोवका स्थान पर उतरे, लेकिन उतरने के 7 मिनट पहले वह वोस्तोक-1 से अलग हो गए थे और धरती पर अपने अंतरिक्ष यान के पहुंचने के तीन मिनट बाद पहुंचे, लेकिन तब तक वह कभी न खत्म होने वाले इतिहास को स्वर्णाक्षरों में लिख चुके थे।

गागरिन के पूर्व लाइका नाम की एक कुतिया ने ही अंतरिक्ष की यात्रा की थी, लेकिन वह अंतरिक्ष पहुंचते ही मर गई थी। वह इस ऊंचाई का दबाव नहीं सह सकी थी। लाइका के बाद मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई गई। इसके लिए चुने जाने के पश्चात गागरिन को गंभीर प्रशिक्षण दिया गया। वह कई खतरनाक परिस्थितियों से गुजरे, लेकिन उन्होंने अपना साहस नहीं खोया। 12 अप्रैल, 1961 के ऐतिहासिक दिन वह अंतरिक्ष की ओर रवाना हुए और एक घंटा 48 मिनट अंतरिक्ष में ही रहे। उन्होंने एक बार पृथ्वी की परिक्रमा की, जिसमें 89.34 मिनट का समय लगा। उन्होंने अधिकतम 28.090 किमी प्रति घंटा की गति से 340 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा की। गागरिन का जन्म रूस के एक ग्रामीण परिवार में हुआ था। बचपन से ही वह साहसी थे। 1957 में वायुयान विद्यालय में भर्ती हो गए थे।

गागरिन अपनी प्रतिभा से उन्नति करते हुए रूस की वायुसेना में भी सम्मिलित हो गए और वहीं से वह अपने लक्ष्य की सिद्धि के लिए तत्पर हुए। कुछ समय के बाद वह अंतरिक्ष यात्रा संबंधी परीक्षण के लिए चुन लिए गए थे। उनकी पत्नी का नाम वेलेंटीना था। अंतरिक्ष पर विजय पाने वाले इस व्योम-पुत्र की मृत्यु मात्र 34 वर्ष की आयु में 27 मार्च, 1968 को हो गई।


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