रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा रोके म्यांमार
संयुक्त राष्ट्र— संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ जारी हिंसा को रोकने के लिए म्यांमार सरकार से फिर से आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र न्यूज सेंटर के यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि श्री गुटेरस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए रोहिंग्या संकट को हल करने के लिए म्यांमार की सरकार से आवश्यक कदम उठाने के लिए फिर कहा है। श्री गुटेरस ने कहा कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में नाटकीय ढंग से जातीय तनाव बढ़ने पर वे लोग स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि म्यांमार में भयानक अत्याचार, भेदभाव, कट्टरपंथ और हिंसक दमन के दुष्चक्र ने चार लाख से अधिक हताश लोगों को भागने के लिए मजबूर किया। इससे क्षेत्रीय स्थिरता को जोखिम पैदा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि म्यांमार को रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ अपना सैन्य अभियान रोक देना चाहिए और लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचने में बाधा नहीं पहुंचानी चाहिए। उन्होंने कहा कि म्यांमार को रोहिंग्या की समस्याओं को अवश्य हल करना चाहिए जो कि लंबे समय से लंबित हैं। म्यांमार में जारी हिंसा पर स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय फैक्ट-फाइंडिंग मिशन के प्रमुख मरजुकी दारुसमान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि यह म्यांमार में गंभीर मानवीय संकट है,इसलिए वहां तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। श्री दारुसमान ने कहा कि हिंसा के बाद से म्यांमार के उत्तरी रखाइन प्रांत से चार लाख से अधिक रोहिंग्या भागने को मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा के बाद रखाइन के करीब 200 रोहिंग्या गांव खाली हो गए हैं।
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