श्रमदान से सुधरेंगे गरीबों के टायलट

By: Sep 25th, 2017 12:05 am

हमीरपुर —  खुला शौचमुक्त घोषित होने के बाद हमीरपुर में लोगों को अब श्रमदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गरीब परिवार के जर्जर हो चुके शौचालयों की मरम्मत में आ रही आर्थिक बाधा को दूर करने के लिए इस मुहिम को छेड़ा गया है। खुला शौचमुक्त घोषित होने के बाद अब फिर से हालात पहले जैसे न बन जाएं, इसके लिए श्रमदान पर जोर दिया गया है। आपसी सहयोग से लोग अब गरीब परिवार के शौचालय का निर्माण या मरम्मत करवाएंगे। इसके साथ ही ठोस तरल कचरा प्रबंधन के निपटान को भी इस मुहिम में शामिल किया गया है। पंचायतों में इसे लेकर अवेयरनैस कैंप लगाए जा रहे हैं। यह अभियान दो अक्तूबर तक चलाया जा रहा है। हमीरपुर को पूरी तरह से खुला शौचमुक्त व स्वच्छ बनाए रखने के लिए ही श्रमदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बताते चलें कि हमीरपुर में हरेक परिवार का अपना शौचालय है। गरीब परिवारों ने भी शौचालय बना रखे हैं। 2012 में की गई जनगणना के आधार पर जिन परिवारों के पास शौचालय नहीं थे, उनके शौचालय बनाए गए हैं। करीब पांच साल का अरसा बीत जाने के बाद कई गरीब परिवारों के पुराने शौचालय जर्जर हो चुके हैं। इनकी मरम्मत के लिए इनके पास बजट नहीं है। ऐसे में अब स्वच्छ भारत मिशन के तहत ‘स्वच्छता ही सेवा’ मुहिम छेड़ी गई है। इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य श्रमदान के माध्यम से गरीब परिवारों की मदद करना है।  इसके साथ ही ठोस तरल कचरा प्रबंधन में भी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। विभिन्न विभागों के अधिकारी लोगों को श्रमदान के प्रति जागरूक कर रहे हैं। दो अक्तूबर तक अभियान को संचालित किया जा रहा है। विभाग की मानें तो इस कैंपेन के बाद फिर से वेरिफिकेशन होगी। इसमें स्पष्ट होगा कि विभाग द्वारा चलाई गई यह मुहिम कितनी कारगर सिद्ध हुई है।  इस बारे में स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक अनिल पटियाल का कहना है कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत लोगों को श्रमदान के लिए जागरूक किया जा रहा है।


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